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बेबाक चिराग : चुनाव के वक्त तय होगा कि किससे होगा गठबंधन, पार्टी को मजबूत करना पहली प्राथमिकता

  • अभी जनता के बीच जाना और जनाधार बढ़ाना प्राथमिकता

पटना। जदयू ए द्वारा चिराग पासवान को महागठबंधन में शामिल होने का ऑफर दिये जाने के बाद से सियासत गर्म है। इस संबंध में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए लोजपा(रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि उनका स्टैंड शुरू से ही क्लियर रहा है कि गठबंधन चुनाव के वक्त ही तय किया जाएगा। जब चुनाव समीप आएंगे उसी वक्त यह तय किया जाएगा कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) किस गठबंधन का हिस्सा होगा। लेकिन इससे पहले हमारी प्राथमिकता लोजपा रामविलास पार्टी के संगठन को मजबूत करना है।

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उन्होंने कहा कि जनता के बीच जाना और अपने जनाधार को बढ़ाना है। अभी इसी प्राथमिकता के ऊपर पार्टी का पूरा ध्यान केंद्रित है और उसी पर फिलहाल हम लोग काम कर रहे हैं। वही सूरजभान सिंह ने कहा था कि चिराग पासवान और पशुपति पारस यदि साथ नहीं आते हैं तो पार्टी के लिए बहुत दिक्कत होगी। सूरजभान सिंह के इस बयान पर चिराग पासवान ने हमला बोलते हुए कहा कि किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी। बिना मतलब के इन बातों पर चर्चा ना करें, वो जहां पर हैं, पहले वहां की चिंता करें। जिनके साथ मिलकर उन्होंने परिवार पार्टी को तोड़ने का षड्यंत्र रचा उनकी चिंता वहां के लिए होना चाहिए। यहां की चिंता करने के लिए पार्टी के तमाम कार्यकर्ता हैं। चिराग पासवान ने चाचा पशुपति पारस के बारे में कहा कि वे कभी मुझे अपना नहीं माने। पापा के जाने के बाद परिवार के सबसे बड़े वही थे। यदि उन्होंने मुझे बेटा या भतीजा माना होता तो क्या पापा के जाने के बाद वे ऐसा करते? उनका अपना बेटा मेरे जगह पर रहता तो क्या वो इस तरह का रवैया अपनाते? वे मुझे अपना मानते तो ऐसा कभी नहीं करते।

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वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली दौरे पर चिराग ने कहा कि विपक्ष को एकजुट करने का प्रयास नीतीश कुमार ने पहले भी किया था। लेकिन क्या हुआ सबको मालूम है। विपक्षी एकता अपने आप में एक भ्रम है। 2014 और 2019 में भी एकजुट करने का प्रयास किया गया था, लेकिन हुआ कुछ भी नहीं। इस बार भी प्रयास ही किया जा रहा है। नीतीश कुमार से यह बिल्कुल संभव नहीं है कि वे विपक्ष को एकजुट कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि हम बार-बार कह चुके है कि कई ऐसे बड़े नेता विपक्ष में है। उन्हें पीएम उम्मीदवार बनना चाहिए। नीतीश पर हमला बोलते हुए चिराग पासवान ने कहा कि जलते हुए बिहार को छोड़कर नीतीश अपने प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब पूरा करने दिल्ली गए हैं। उनके पास इतनी फुर्सत तक नहीं है कि शास्त्नीगर में भीषण अगलगी की घटना के बाद पीड़ित परिवार से मिले। यह देखे कि वे किस बदहाली में जी रहे हैं। अग्निकांड पीड़ितों से मिलने तक की उन्हें फुरसत नहीं है। उनके सामने उनकी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के अलावे बिहार और बिहारियों की उम्मीद पर खरा उतरना मायने नहीं रखता।

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