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हत्या चाहे आईएएस अधिकारी की हो, दलित की हो, अपर कास्ट की हो, सीआरपीसी में किसी की भी हत्या एक समान मानी जाती है : अशोक चौधरी

पटना। पूर्व सांसद और बाहुबली आनंद मोहन की रिहाई को लेकर जेल मैनुअल में बदलाव किये जाने पर भाजपा की ओर से सवाल उठाए जा रहे हैं। जिस पर भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि सभी राजनीतिक दलों के लोगों ने आनंद मोहन की रिहाई के लिए आग्रह किया और दावा किया। अब जब सरकार ने इसको कर दिया तो लोग हाय तौबा मचा रहे हैं।

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आनंद मोहन की रिहाई पर उठ रहे सवाल पर मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि भाजपा इस पार्टी के समर्थक और इनसे सहानुभूति रखने वाले लोग एक पर्सेप्शन क्रिएट कर रहे हैं कि जी. कृष्णैया एक दलित थे। सीआरपीसी में किसी की भी हत्या एक समान मानी जाती है। हत्या चाहे आईएएस अधिकारी की हो, दलित की हो, अपर कास्ट की हो, कोई चपरासी हो या कोई आम नागरिक हो। सीआरपीसी की एक्ट के मुताबिक जेल मैनुअल में संशोधन किया गया है। यानी सीआपीसी में सब बराबर हैं तो जेल मैनुअल में भी सभी बराबर होंगे। उसके तहत इसका प्रावधान किया गया है।

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उन्होंने कहा कि बहुत से राज्यों में यह प्रावधान पहले से है। अब क्योंकि इसमें आनंद मोहन छूट गए, राजनीतिक शख्स हैं और राजनीतिक दल से हैं, इसलिए ये लोग हाय तौबा मचा रहे हैं। जबकि सभी राजनीतिक दलों के लोगों ने आनंद मोहन की रिहाई के लिए आग्रह किया और दावा किया। अब जब सरकार ने इसको कर दिया तो लोग हायतौबा मचा रहे हैं।

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