6 वर्ष की उम्र में छोटी बच्ची जै़नब जमील ने रखा पहला रोजा
खगौल । रमजान के महीने में छोटे छोटे बच्चे भी रख रहे रोजा। मुकद्दस महीने रमजान में एक नेकी के बदले 70 नेकियो का सवाब मिलता है। रहमतो और बरकतो के इन दिनो मे रोजेदार न सिर्फ खुदा के लिए अपनी शिद्दत बल्कि इंसानियत के लिए अपनी चाहत भी परखते है। खगौल के गोरगांवा निवासी जमील अहमद की 6 वर्षीय पुत्री जै़नब जमील ने इस रमजान में अपना पहला रोजा रखा। वही जमील ने बताया कि अम्मी को रोजा रखती देख उनसे रोजा रखने की इच्छा हुई।
वह परिवार के साथ सहरी की नमाज पढ़ती। उसने बताया की इफ्तार में अम्मी उसकी मनपसंद चीजें बनाती है। दिन तस्बीह व नमाज पढ़ने में गुजर जाता है। नन्ही बच्ची जै़नब ने बताया की उसकी हर इबादत में लोगों की भलाई दुआ होती है । वह बताती है की पाक महीने में कुरआन शरीफ नाजिल हुआ था। उसने बताया की रोज़ा घरों में सबाें को रोज़ा रखा देख उसने मन बना लिया था।पिता जमील अहमद ने कहा कि इतनी छोटी उम्र में रोज़ा का सोच थोड़ा हिचक मे था लेकिन बेटी की जिद के आगे एक ना चली।