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बैरिया बस स्टैंड के पास हाईवा ट्रक ने चार कांवरियों को रौंदा, दो की मौत

पटना में सावन की कांवड़ यात्रा मातम में बदली.

फुलवारी शरीफ. अजीत। सावन की धार्मिक आस्था उस वक्त शोक में बदल गई, जब पटना सदर अनुमंडल अंतर्गत बैरिया बस स्टैंड के पास मंगलवार की सुबह एक तेज रफ्तार हाईवा ट्रक ने चार कांवरियों को कुचल दिया. हादसा इतना भयावह था कि बाइक सवार दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य दो कांवरियों की हालत गंभीर बनी हुई है. यह घटना तब हुई जब चारों युवक गायघाट गंगा घाट से जल भरने जा रहे थे।

मृतकों की पहचान गौरीचक थाना क्षेत्र के चिपुरा कला गांव निवासी सुनील राय के 20 वर्षीय पुत्र नीरज कुमार और पप्पू सिंह के 23 वर्षीय पुत्र बबलू कुमार के रूप में हुई है. दोनों अपने गांव से अपने साथियों के साथ कांवड़ यात्रा पर निकले थे।

मृतक सुनील राय एवं बबलू कुमार

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प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बारिश के कारण सड़कें बेहद फिसलन भरी थीं और हाईवा ट्रक तेज रफ्तार में था. जैसे ही चारों युवक बैरिया बस स्टैंड के पास पहुंचे, ट्रक ने सामने से उनकी बाइक में टक्कर मार दी. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाइक के परखच्चे उड़ गए और दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई.

घटना की खबर फैलते ही गांव से परिजन घटनास्थल पर पहुंचे. शव देखकर परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया. मातम में डूबे गांव के लोग गुस्से में आ गए और उन्होंने पटना-मसौढ़ी मुख्य सड़क को बैरिया मोड़ के पास जाम कर दिया. सड़क पर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया गया, जिससे करीब डेढ़ किलोमीटर तक यातायात ठप हो गया।

सूचना मिलते ही गोपालपुर, गौरीचक, परसा बाजार और रामकृष्ण नगर थानों की पुलिस मौके पर पहुंची. भारी मशक्कत के बाद पुलिस ने लोगों को समझा-बुझाकर स्थिति नियंत्रित की. गोपालपुर थानाध्यक्ष चंदन ठाकुर ने दोनों कांवरियों की मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि ट्रक को जब्त कर लिया गया है और फरार चालक की तलाश की जा रही है. घायलों को स्थानीय लोगों की मदद से नजदीकी निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. डॉक्टरों के अनुसार दोनों की हालत चिंताजनक बनी हुई है।

बारिश और लापरवाही बन रही है मौत की वजह

गौरतलब है कि पिछले कुछ सप्ताहों में पटना और आसपास के इलाकों में बारिश के दौरान सड़क हादसों में इजाफा हुआ है. फिसलन भरी सड़कों, अधूरे निर्माण कार्यों और भारी वाहनों की लापरवाह रफ्तार ने आम लोगों के जीवन को संकट में डाल दिया है. सावन के महीने में लाखों कांवरिए गंगाजल लेने के लिए निकलते हैं, लेकिन प्रशासनिक सतर्कता की कमी और ट्रैफिक नियंत्रण में ढिलाई के कारण हादसे आम हो गए है।

स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि सावन यात्रा के दौरान कांवरियों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए जाएं. सड़क किनारे मार्ग निर्देश, ट्रैफिक नियंत्रण, और भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक आवश्यक है, ताकि आस्था की यह यात्रा दुर्घटना में न बदले.

प्रशासन की ओर से मृतकों के परिजनों को हरसंभव मदद और सरकारी मुआवजा देने का आश्वासन दिया गया है. हालांकि परिजन और स्थानीय लोग इस आश्वासन से संतुष्ट नहीं हैं. उनका कहना है कि “हमें मुआवजा नहीं, सुरक्षा चाहिए.”

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