सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी
भाजपा और भाकपा (माले) के विधायकों के बीच आई मारपीट की नौबत
भाजपा विधायक लखिन्द्र पासवान ने माइक तोड़ दिया
सत्ता पक्ष के विधायकों ने हमारे दलित विधायक को गाली दी
पटना। मंगलवार को विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही के दौरान भारी हंगामा देखने को मिला। जमीन के बदले नौकरी मामले में लालू परिवार के खिलाफ सीबीआई और ईडी की जांच के बीच आज सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने वेल में आकर हंगामा शुरू कर दिया। दूसरी तरफ भाकपा-माले के विधायक भी अपनी मांग को लेकर जोर-जोर से बोलने लगे। प्रश्नकाल के दौरान मंगलवार को भाजपा और भाकपा (माले) के विधायकों के बीच मारपीट की नौबत आ गई। दोनों दलों की ओर से जबर्दस्त हंगामा हुआ। विधायक अध्यक्ष के आसन की तरफ से एक-दूसरे दल के सीट की ओर बढ़ने लगे। विधानसभा अध्यक्ष ने मार्शलों को बुलवा लिया।लगभग आधा दर्जन से अधिक मार्शलों ने एक घेरा बनाकर दोनों दलों के उग्र विधायकों को रोका।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वर्तमान सरकार भ्रष्टाचारी की गोद में बैठी है। गुंडा का राज दिखाई पड़ रहा है। यह व्यवस्था बदलनी चाहिए। इसके बाद राजद विधायक आक्रोशित हो गए और जोरदार विरोध किया। दूसरी तरफ भाजपा विधायक लालू लीला किताब लहरा रहे थे। भाजपा विधायकों ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से इस्तीफे की मांग की। इधर, विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने कहा कि आप सबूत के साथ किसी को भ्रष्टाचारी कहिए। आप पहले सबूत लाइए। भाजपा विधायक इस दौरान वेल में पहुंच गए। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि किशनगंज में मंदिर में आग लगाने के मामले, जेठुली हत्याकांड, मंत्री इसराइल मंसूरी पर हत्या के आरोप मामले पर सरकार जवाब दे। वहीं, कानून- व्यवस्था और अन्य मुद्दे पर भाजपा ने विधानसभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया। जबकि आंगनबाड़ी सेविकाओं का मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर जबर्दस्त हंगामा हुआ। प्रश्न कर रहे भाजपा विधायक लखिन्द्र पासवान ने माइक तोड़ दिया।
इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हो गए। इस दौरान मामला काफी बढ़ गया। स्थिति इतनी खराब हो गई कि सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। दरअसल, प्रश्नोत्तर काल के दौरान भाजपा विधायक लखिन्द्र पासवान ने कहा कि उन्हें सत्ता पक्ष की तरफ से गालियां दी जा रही है जो कि कतई उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के निर्देशानुसार विपक्ष का माइक बंद कर दिया जाता है। विपक्ष को बोलने नहीं दिया जाता है। इतना ही नहीं नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने भी उनका समर्थन देते हुए कहा कि सत्ता पक्ष की तरफ से अपशब्द और गालियां की भाषा का प्रयोग किया जाता है। जिसके बाद राजद और भाजपा के सदस्य आमने सामने खड़े हो गए। वहीं, इस पूरे मामले को लेकर विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने कहा कि सदस्य लखिन्द्र पासवान ने गलत किया। उन्होंने माइक तोड़ दिया है। इस पर उचित कार्रवाई की जायेगी।
वहीं, कार्यवाही स्थगित होने के बाद भाजपा ने सत्ता पक्ष पर कई गंभीर आरोप लगाए। सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि माइक तोड़ने की बात गलत है। सत्ता पक्ष के विधायकों ने हमारे दलित विधायक को गाली दी, धमकी दी। उन्होंने कहा कि सरकार का काम सदन चलाना है। उन्होंने कहा कि राज्य में जंगलराज है। अपराधियों की सरकार भ्रमित करने का काम कर रही है, लेकिन जनता सब देख रही है। वहीं, भाजपा विधायक लखिन्द्र पासवान ने माइक तोड़ने के आरोप पर सफाई देते हुए कहा कि माइक उन्होंने नहीं तोड़ा है बल्कि उसका पेंच ढीला था।
उधर, सदन की कार्यवाही शुरु होने से पहले सत्तापक्ष और विपक्ष ने एक दूसरे के खिलाफ विधानसभा परिसर में प्रदर्शन किया। भाजपा ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरा। ईडी की कार्रवाई के बाद सीएम नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का इस्तीफा मांगा। भाजपा 600 करोड़ की संपत्ति का हिसाब मांग रही है। जबकि विधानसभा के परिसर में माले के विधायकों भूमि सुधार कानून को ठीक से लागू करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इसके साथ ही बेगूसराय में मुस्लिम बच्चियों के साथ हुई हिंसा और दुष्कर्म के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग और आवास कानून बनाने की मांग की है ।