- अशरफ को जेल में मिल रही थीं वीआईपी सुविधाएं
- बरेली जेल के पांच अधिकारी पहले भी हो चुके हैं सस्पेंड
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जेल में बंद माफियाओं को लेकर पर शिकंजा कसने के मामले में लापरवाही बरतने को लेकर जेल अधीक्षकों पर गाज गिरी है। यूपी के बरेली, नैनी और बांदा के वरिष्ठ जेल अधीक्षक को सस्पेंड कर दिया गया है। इन जेलों के सुपरिटेंडेंट पर एक्शन इसलिए हुआ है क्योंकि इन्होंने अशरफ अहमद, अतीक के बेटे अली अहमद और मुख्तार अंसारी पर शिंकजा कसने में लापरवाही बरती थी। बता दें कि बरेली जेल में बंद अशरफ, नैनी जेल में बंद अतीक अहमद के बेटे अली और बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी पर शिकंजा कसने के मामले में लापरवाही बरतने पर इन तीनों वरिष्ठ जेल अधीक्षकों पर एक्शन हुआ है। बरेली जेल के अधीक्षक राजीव शुक्ला, नैनी के वरिष्ठ जेल अधीक्षक शशिकांत सिंह और बांदा के अविनाश गौतम सस्पेंड किए गए हैं।
इन अधीक्षकों के खिलाफ डी आई जी आर एन पांडेय ने एक रिपोर्ट दाखिल की थी, इसी के आधार पर एक्शन हुआ और इन्हें निलंबित कर दिया गया। बरेली जेल के अधीक्षक राजीव शुक्ला पर जेल में बंद अशरफ को वीआईपी सुविधा मुहैया कराने का आरोप है। बरेली में अब तक आधा दर्जन से ज्यादा जेल कर्मचारियों पर कार्रवाई हो चुकी है। इसके बाद अब गाज सीधे जेल अधीक्षक पर गिरी है। उमेश पाल हत्याकांड के बाद से पुलिस प्रशासन सतर्क है। सिर्फ बरेली की ही बात की जाए तो इस हत्याकांड के बाद से अब तक पांच जेल अधिकारियों पर कार्रवाई की जा चुकी है, जिसमें डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप सिंह समेत पांच अधिकारियों को पूर्व में ही निलंबित किया जा चुका है। इस पूरे मामले में बरेली जेल के सिपाही मनोज कुमार गौड़, शिव हरी अवस्थी को इसलिए गिरफ्तार किया था, क्योंकि यह एक ही पहचान पत्र पर फर्जी तरीके से मुलाकात कराते थे।