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क्रांति दिवस के अवसर पर एन एस एस की ईकाई ने मधेपुरा कॉलेज मधेपुरा में किया विशेष कार्यक्रम

अंग्रेजी सत्ता को भारत से हटाने के लिए पूज्य बापू के नेत्तृत्व में जो अंतिम लड़ाई लड़ी गयी थी, उसे अगस्त क्रांति के नाम से जाना जाता है: डा. अशोक

सुरेश कुमार सिंह मधेपुरा

बुधवार को मधेपुरा महाविद्यालय मधेपुरा की एनएसएस इकाई द्वारा महाविद्यालय में क्रांति दिवस के अवसर पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन महाविद्यालय के संस्थापक, संरक्षक सह पूर्व प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार ने दीप जलाकर किया। उद्घाटन के बाद उन्होंने क्रांति दिवस पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने उपस्थित छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते कहा कि देश के लिए आजादी की जंग लड़ने वाले स्वतन्त्रता सेनानियों ने 9 अगस्त 1942 को क्रांति का एलान किया था, जिसे आज हमलोग अगस्त क्रांति दिवस के रूप में मनाते हैं। उन्होंने बताया कि 4 जुलाई 1942 के दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने एक प्रस्ताव पारित किया था कि यदि अंग्रेज अब भारत नहीं छोड़ेंगे, तो उनके विरुद्ध राष्ट्र स्तर पर नागरिक अवज्ञा आंदोलन चलाया जाएगा। देश को स्वतंत्रता दिलाने के विभिन्न प्रकार का आंदोलन किया गया।

अंग्रेजी सत्ता को भारत से हटाने के लिए पूज्य बापू के नेत्तृत्व में जो अंतिम लड़ाई लड़ी गयी थी, उसे अगस्त क्रांति के नाम से जाना जाता है। आज के दिन हम उन स्वतन्त्रता संग्राम के सेनानियों को याद व नमन कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं। कार्यक्रम में कॉलेज के उप प्राचार्य प्रो. भगवान कुमार मिश्रा, एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रथम इकाई प्रो. बिजेंद्र कुमार, द्वितीय इकाई प्रो. मो. सोएब आलम, तृतीय इकाई प्रो. रत्नाकर भारती ने अगस्त क्रांति पर अपना अपना विचार व्यक्त किये। मौके पर कॉलेज के शिक्षक प्रो. मनोज कुमार झा, प्रो. कैप्टन गौतम कुमार, प्रो सुबोध कुमार छात्रा रानी कुमारी, काजल कुमारी, मधु कुमारी एम छात्र अजय कुमार, ललटू कुमार, धर्मेंद्र कुमार, दीपक कुमार, राघवेंद्र कुमार सिंह, बमबम कुमार, सत्यम कुमार सहित अन्य मौजूद थे।

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