- अटलांटा में एआई ने एक व्यक्ति को पर्स चुराने के आरोप में गिरफ्तार करा दिया
- एआई अपराध कर सकती है सीखती तो इंसानों से ही है
नई दिल्ली। सोनी वर्ल्ड फोटोग्राफी अवॉर्ड ने पिछले हफ्ते एक ऐसी तस्वीर को सम्मानित कर दिया, जो किसी ने खींची ही नहीं थी। जर्मनी के एक कलाकार बोरिस एल्डर्सन ने यह तस्वीर एआई से बनाई और प्रतियोगिता में भेज दिया। जब इसे पुरस्कार मिल गया, तब उन्होंने यह राज खोला कि तस्वीर एआई से बनी थी, इसलिए वह सम्मान नहीं लेंगे। कायदे से यह बेईमानी थी और धोखे की श्रेणी का अपराध भी, जो एआई की मदद से इंसान ने किया। वैसे एआई गलती भी करती है। पिछले महीने अमेरिका के अटलांटा में एआई ने एक व्यक्ति को पर्स चुराने के आरोप में गिरफ्तार करा दिया, जो उसने चुराया ही नहीं था। हफ्ते भर की जेल और हजारों डॉलर खर्च करने के बाद वह शख्स वैसे ही निराश है, जैसे सोनी वर्ल्ड फोटोग्राफी अवॉर्ड में हिस्सा लेने वाले दुनिया के बाकी फोटोग्राफर्स । वजह एक ही है, एआई को लेकर दुनिया में नियम-कानून नहीं हैं।

इसमें कोई शक नहीं होना चाहिए कि एआई से भी गलती हो सकती। ओपन एमआई के चैटबॉट, चैट जीपीटी का कहना है, ‘खूब गलती हो सकती है। एआई डेटा से सीखती है और डेटा गलत भी हो सकते हैं।’ वैसे, इसका सबसे बेहतरीन सबूत भारत में उन लोगों के पास है, जिनका चालान बगैर कोई ट्रैफिक रूल तोड़े हुआ है। पिछले डेढ़-दो साल से कोलकाता, बेंगलुरु, दिल्ली, गोवा सहित कई राज्यों के कई शहरों में चालान एआई काट रही है। एआई की गलतियों से लोगों को जितनी भी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं, उनका कोई पुरसाहाल ही नहीं है- न भारत में, न अमेरिका में। अपराध के सवाल पर चैट जीपीटी का कहना था कि हां, एआई अपराध कर सकती है। आखिर वह सीखती तो इंसानों से ही है।

हालांकि एआई के खुद से अपराध करने के मौके काफी कम हैं, मगर वह अपने यूजर के अपराध में बराबर मदद कर सकती है, क्योंकि वह उसकी ख्वाहिशों से वाकिफ होती है। अभी तक एआई के अपराध सामने नहीं आए हैं, इसका मतलब यह नहीं कि वह अपराध नहीं कर रही है। हैकिंग के लिए जो कोड्स वह बना रही है, वह अपराध नहीं, तो अपराध में साथ देना तो माना ही जाएगा। यही वजह है कि इटली चैट जीपीटी बैन कर चुका है तो आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका एआई को लेकर नियम बनाने पर विचार कर रहे हैं। ब्रिटेन, चीन और यूरोप भी इस दिशा में सोच रहे हैं। फ्रांस और स्पेन जांच कर रहे हैं कि चैट जीपीटी ने उसके डेटा में कहां-कहां सेंध लगाई है। यह सवाल सबके सामने है कि जो चीज इंसान से सीखती है, गलती करती है, और अपराध भी कर सकती है, उसे कानून के दायरे में कैसे लाया जाए? वैसे चैटजीपीटी ने इस पर कहा कि जिसने एआई बनाई, उसे पकड़ो!