1 रुपये का छोटा सिक्का अघोषित रूप से चलन से बाहर
- पूर्णिया में दिख रहा इसका असर, कोई भी छोटा सिक्का लेने को तैयार नहीं
- बाजार में नहीं लेने से गरीब मजदूर और दुकानदार के लिए सिक्का बना मुसीबत
- सेंट्रल बैंक की मुख्य शाखा वही सिक्का ग्राहकों को धड़ल्ले से दे रही
पूर्णिया। पूर्णिया व आसपास के जिलों में 1 साल से भी अधिक समय से रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया द्वारा जारी 1 रुपये का छोटा सिक्का आम लोगों द्वारा नहीं लिया जा रहा है। ऐसा लगता है, इस पर अघोषित रूप से रोक लग गई हो। परंतु, अभी भी पूर्णिया के सेंट्रल बैंक की मुख्य शाखा द्वारा वही सिक्का ग्राहकों को धड़ल्ले से दिया जा रहा है। पूर्णिया के अर्जुन भवन रोड स्थित नितिन स्टोर के मालिक नितिन चौहान को सेंट्रल बैंक की मुख्य शाखा से 2500 का सिक्का मिला था लेकिन वह सिक्का मार्केट में चल ही नहीं रहा है। कोई भी इस 1 रुपये के छोटा सिक्का लेने को तैयार नहीं है। सिक्का को नहीं लेनेवाले लोगों द्वारा कहा जा रहा है कि यह बंद हो गया है। परंतु, जब यह बंद हो गया है तो फिर बैंक इसे कैसे चलन में रखे हुए है यह सवाल लोगों के जेहन में कौंध रहा है। इस संदर्भ में पूछे जाने पर सेंट्रल बैंक आॅफ इंडिया की मुख्य शाखा के शाखा प्रबंधक सुरेंद्र कुमार बताते हैं कि यही सिक्का उनलोगों को मिल रहा है।
इस पर किसी प्रकार का रोक रहता तो यह उन लोगों के पास यह सिक्का भेजा ही नहीं जाता। उन्होंने कहा कि लगता है कुछ गलतफहमियों की वजह से लोग नहीं ले रहे हैं। यह सिक्का अभी चलन से बाहर नहीं हुआ है। अगर यह सिक्का चलन से बाहर होता तो इसकी जानकारी उन लोगों को रिजर्व बैंक द्वारा दी जाती। परंतु, ऐसा नहीं हुआ है। इस गलतफहमियों को दूर करने के लिए जिला प्रशासन व रिजर्व बैंक को सार्वजनिक रूप से समाचार पत्र और टीवी चैनलों के माध्यम से नोटिफिकेशन जारी करना चाहिए।सिक्का बाजार में नहीं लेने से सैकड़ों लोगों की तिजोरियों में सिक्का पड़ा हुआ है। नितिन स्टोर के मालिक नितिन चौहान ने बताया कि सेंट्रल बैंक नें 1 रुपये के 2500 सिक्कों की थैली थमा दी थी। अब वह सिक्का बाजार में दुकानदार या आम लोग लेने से इनकार कर रहे हैं। सिक्के की थैली घर में पड़ी हुई है।
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