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श्री राम सखा भगवान निषाद राज गुहा की भव्यता के साथ मनाई गई जयंती

  • भगवान निषाद राज गुहा की प्रेरणा और सामाजिक एकता से ही मिलेगा सम्मान व प्रतिष्ठा : प्रेम कुमार चौधरी
  • सिर्फ राम रहीम से देश नहीं चलेगा, निषाद समाज को भी लाना होगा

यस राज पटना ।अनगिनत लोगों के आराध्य देव प्रभु श्री राम सखा भगवान निषाद राज गुहा की जयंती समारोह का राज्य स्तरीय आयोजन गुरुवार को पटना के सम्राट कन्वेंशन हॉल बापू सभागार मे किया गया, जिसमे मुख्यरूप से प्रेम कुमार चौधरी , निषाद सेना के अध्यक्ष मुकेश निषाद अशोक चौहान, गौतम बिंद, और हरेराम महतो आदि लोगोंने निषाद समाज की एकजुटता और सम्मान के लिए आवाज बुलंद किए। साथ ही एक नई विकासशील स्वराज पार्टी का ऐलान भी किया गया।

इस अवसर पर पूर्व प्रत्याशी लोकसभा वाल्मीकीनगर प्रेम कुमार चौधरी ने कहा कि हमारे आराध्य देव निषाद राज गुह्य को त्रेता युग मे जो सम्मान व गौरव प्राप्त किया था, आज उसी सम्मान और गौरव प्राप्त करने के लिए संघर्ष करना पर रहा है। समाज को आत्मसम्मान की सुरक्षा तभी मिलेगी, जब हम अपने आराध्य देव निषाद राज गुहा को पुनः कलयुग मे सम्मानित होते देखेंगे। उन्होंने कहा कि उचित सम्मान और समाज का गौरव दिलाने हेतु अंतिम क्षण तक हम संघर्ष करेगे। हमेअपना गौरवशाली इतिहास पर नाज है, उनकी प्रेरणा और सामाजिक एकता से ही हमे सम्मान-प्रतिष्ठा मिलेगी। सिर्फ राम रहीम से देश का कल्याण नहीं होने वाला, श्री राम के सखा निषाद को भी लाना होगा।

Shri Ram Sakha Bhagwan Nishad Raj Guha's birth anniversary celebrated with grandeur
Shri Ram Sakha Bhagwan Nishad Raj Guha’s birth anniversary celebrated with grandeur

वही, निषाद सेना के अध्यक्ष मुकेश निषाद ने कहा कि हमारे अराध्य देव भगवान निषाद राज गुहा भगवान श्री राम से बड़े थे। लेकिन बाल सखा होने के कारण दोनो के बीच प्रेम भाव ऐसा था कि दोनो एक दूसरे को सम्मान करते थे। एक ही गुरुकुल महर्षि वशिष्ठ के आश्रम मे रहकर भगवान श्री राम और हमारे अराध्य निषाद राज गुहा ने शिक्षा और संस्कार प्राप्त की। प्रभु श्री राम, उन्हे परम मित्र कहा करते थे। श्री राम के सखा होने के कारण त्रेता युग के सम्पूर्ण समाज मे निषाद समाज की विशेष प्रतिष्ठा थी। यही करण है की निषाद राज गुहा राम राज्य और रामायण के खास पात्र रहे। जिसके बारे में विस्तार से वर्णन रामायण अयोध्या कांड मे किया गया है।

समारोह को संबोधित करते हुए अशोक चौहान ने कहा बताया कि अपने राज्यभिषेक के कुछ वर्ष बाद भगवान श्री राम ने अश्वमेघ यज्ञ करवाया था, जिसमे उन्होंने चारो दिशाओ के राजाओ को आमंत्रित किया था। इसमे उन्होंने अपने प्रिय मित्र बाल सखा निषाद राज गुह्य को भी आमंत्रित किया था। भगवान श्रीराम वह सब करते रहे है, जैसे निषाद राज कल्पना करते थे। उनके श्रम और भक्ति का पूरा मान-सम्मान देते रहे, और निषाद राज रामराज्य के प्रथम नागरिक बन जाते है। जब 14 वर्ष के वनवास के लिए भगवान श्रीराम निषाद राज गुहा के राज्य मे पहुंचते है तो, उनका भव्य स्वागत होता है।

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इस अवसर पर गौतम बिंद ने कहा कि गंगा पार कर प्रयागराज पहुंचाने मे निषाद राज ने प्रभु श्री राम की मदद की थी। पुनः चित्रकुट जाने के क्रम मे यमुना पार करने के लिए निषाद राज ने बांस की एक नाव बनाकर श्रीराम को सहयोग कर मित्रता की मिशाल कायम की थी। इतना ही नही भगवान श्रीराम पर आने वाले किसी संकट से जूझने को निषाद राज गुह्य हमेशा तत्पर रहे। उन्होंने प्रभु श्री राम को अपना आराध्य माना और अपना जीवन एवं अपना सर्वस्व उन्हे समर्पित कर दिया। एक समय वनवास के क्रम मे प्रभु श्री राम पर खतरा की शंका मात्र से हमारे आराध्य देव निषाद राज गुहा अपने समाज और सेना को तैयार कर प्रभु श्री राम को सुरक्षा में मर मिटने को तैयार हो गए थे, और अयोध्या को सेना के सामने डट गए थे।वन में अपने भाई से मिलने जा रहे, अयोध्या सम्राट भरत की सेना को देख उन्हें संदेह हो गया था, की उनके प्रभु राम के सामने सुरक्षा का संकट हैं। अपने शब्दो मे जोर देते हुए श्री हरेराम महतो ने कहा के देश के राजनीति को एक दिशा मे चला कर देश और समाज का विकास नही किया जा सकता इसके लिए सभी का सम्मान और समता जरूरी है। पूर्व काल से ही निषाद एवं तमाम वंचित समाज के साथ राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक भेदभाव होते आया है इसे किसी भी स्थिति मे मिटानी होगी तब जाकर एक समरस और सुंदर समाज का निर्माण होगा। जब तक सभी को उसका हक और अधिकार प्राप्त नही होगा तब तक उसे न्याय नही कहा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय का यह मतलब नहीं कि किसी एक दो या कुछ जातियों का उत्थान हो और दूसरे की हिस्से को अतिक्रमण करके अपने हिस्से में डाल लिया जाए। सामाजिक न्याय का मतलब यह होता है की जिनकी जिस तरह की संख्या है उस तरह की भागीदारी तय होनी चाहिए। हमारी नवगठित राजनीतिक पार्टी पूरी तरह से पारदर्शिता एवं न्याय के साथ सबकी भागीदारी सुनिश्चित करेंगी।

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