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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली-अजमेर वंदे भारत ट्रेन का किया उद्घाटन

सचिन पालयट पर बरसे पीएम मोदी, अशोक गहलोत पर कसा तंज
कहा – गहलोत जी के तो दोनों हाथों में है लड्डू

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को राजस्‍थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस में जारी राजनीतिक खींचतान की ओर इशारा किया और रेलवे के कार्यक्रम में आने के लिए मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताया। तो वहीं, पीएम मोदी के भाषण पर सीएम अशोक गहलोत ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी मुझे इस बात का दुख है कि आपने मेरी मौजूदगी में 2014 से पहले के रेलमंत्रियों के कार्यकाल के फैसलों को भ्रष्टाचार और राजनीति से प्रेरित बताया। अजमेर-दिल्ली कैंट वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की शुरुआत के मौके पर जयपुर रेलवे स्‍टेशन पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय रेल मंत्री अश्‍व‍िनी वैष्‍णव मौजूद थे। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी इस कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जुड़े। अपने संबोधन के आखिर में मोदी ने मुख्‍यमंत्री गहलोत की रखी गई मांगों के साथ-साथ राजस्‍थान में कांग्रेस में जारी राजनीतिक उठापटक की ओर भी इशारा किया। गहलोत की राज्‍य की रेलवे से जुड़ी कुछ मांगें रखे जाने की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा कि एक मित्र के नाते आप जो भरोसा रखते हैं, उसके लिए मैं आपका बहुत आभार व्यक्त करता हूं।

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उन्‍होंने कहा कि और गहलोत जी का मैं विशेष रूप से आभार व्‍यक्‍त करता हूं कि इन दिनों वे राजनीतिक आपाधापी में हैं। वह अनेक संकटों से गुजर रहे हैं। बावजूद इसके, वह विकास के काम के लिए समय निकालकर आए, रेलवे के कार्यक्रम में हिस्‍सा लिया। मैं उनका स्‍वागत भी करता हूं, अभिनंदन भी करता हूं। दरअसल, राजस्‍थान के पूर्व उपमुख्‍यमंत्री सचिन पायलट ने वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली राज्य की पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की मांग को लेकर मंगलवार को जयपुर में एक दिन का ‘अनशन’ किया था। रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन, दोनों के ही राजस्‍थान से होने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि और मैं गहलोत जी से कहना चाहता हूं कि आपके तो दोनों हाथों में लड्डू हैं। रेल मंत्री राजस्‍थान के हैं और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन भी राजस्‍थान के हैं।

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उन्‍होंने आगे कहा कि जो काम आजादी के तुरंत बाद होना चाहिए था, वो अब तक नहीं हो पाया लेकिन आपका मुझ पर इतना भरोसा है कि आज आपने वो काम भी मेरे सामने रखे हैं। आप का यह विश्वास है। यही मित्रता की सच्ची ताकत है और एक मित्र के नाते आप जो भरोसा रखते हैं, उसके लिए मैं आपका बहुत आभार व्यक्त करता हूं। इससे पहले, अपने संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने गहलोत के लिए ‘राजस्‍थान के मुख्यमंत्री, मेरे मित्र’ शब्द का इस्तेमाल किया। वहीं, गहलोत ने अपने संबोधन में राजस्थान में रेलवे से जुड़ी मांगें रखीं। उन्होंने कहा कि रेल मंत्री जी हमारे अपने ही हैं, राजस्‍थान के हैं। आजादी के बाद पहली बार राजस्‍थान का कोई व्यक्ति रेल मंत्री बना है। मैंने देखा है कि जिस राज्‍य का मंत्री बनता है, वह कम से कम रेलवे में तो अपने राज्‍य का ध्‍यान रखता ही है। मैं उम्‍मीद करता हूं कि अश्‍व‍िनी वैष्‍णव जी जो मेरे क्षेत्र जोधपुर में पढ़े हैं, रहने वाले पाली के हैं। वह बिना संकोच आप से बात कर लेंगे कि राजस्‍थान में अधिक से अधिक काम कैसे हो।इस कार्यक्रम के समापन के बाद अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए पीएम मोदी के भाषण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि रेलवे का महत्व कम करने का प्रयास तो आपने अपने कार्यकाल में अलग रेलवे बजट को खत्म करके किया। आज अगर आधुनिक ट्रेन चल पा रही है क्योंकि डॉ। मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री के रूप में 1991 में आर्थिक उदारीकरण किया और नई तकनीक को भारत में विकसित होने का अवसर दिया। यह कहना उचित नहीं है कि रेलवे में विकास कार्य 2014 के बाद ही हुए हैं।

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