पटना। बिहार में थर्ड जेंडर को जाति का कोड देने पर विरोध शुरू हो गया है। यहां उन्हें कोड-22 दिया गया है। किन्नरों की प्रतिनिधि रेशमा ने कहा कि हम ट्रांसजेंडर्स की कोई जाति नहीं है। ट्रांसजेंडर्स व्यक्तियों को बिहार सरकार जाति के आधार पर पहचान दे रही है, जो बिल्कुल गलत है। हम जाति नहीं हैं। जेंडर हैं। सरकार हमें इस आधार पर 1% रिजर्वेशन दें।रेशमा ने कहा कि ट्रांसजेंडर्स एक लैंगिकता है। ट्रांसजेंडर्स प्रोटेक्टिव एक्ट 2019 के अनुसार एस्टेब्लिश है। यह लोकसभा और राज्यसभा सभी जगह से पास है। इसके बाद भी सरकार हमें जाति के रूप में आईडेंटिफाई कर रही है। सरकार की यह हरकत जाहिल वाली है। रेशमा ने कहा कि सरकार थर्ड जेंडर को जाति के रूप में आईडेंटिफाई नहीं कर सकती हैं। बिहार सरकार ने पहले से ही महिलाओं को 33% से लेकर 50% तक रिजर्वेशन दिया है। अगर एक तरफ जेंडर बेस्ड रिजर्वेशन दिया जा रहा है तो दूसरी तरफ अन्याय क्यों ? यह अन्याय हमें स्वीकार नहीं है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि ट्रांसजेंडर को जाति की कॉलम से निकालकर जेंडर के कॉलम में लेकर आइए।
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