- पूर्व एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी पर भड़के लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान
- नीतीश कुमार को कहां मुख्यमंत्री एक कठपुतली बनकर रह गए हैं
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो उन अधिकारियों पर कार्रवाई तो करते नहीं जो बिहारियों को बदनाम करते हैं
पटना। जदयू के पूर्व एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी ने बीते दिनों कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगर पाकिस्तान से डर लगता है तो मुसलमानों को सेना में 30% आरक्षण दिया जाए। इसको लेकर लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान पटना पहुंचते ही जमकर बरसे और कहां ऐसा बयान इस तरीके से कैसे दे सकते हैं एक व्यक्ति का विरोध करने में यह लोग भूल जाते है कि आप सेना का अपमान कर रहे है। क्या जरूरत है सेना को हर बात मे सेना को घसीटने की । आप नीतियों का विरोध कीजिए आप बजट का विरोध कर सकते हैं। महंगाई का विरोध कर सकते हैं, लेकिन दिक्कत यह है, कि यह लोग ऐसे ऐसे विषय को उठाते हैं जिससे जनता का कुछ लेना देना नहीं है, और ऊपर से भारतीय सेना जिसकी वजह से यह यहां सुरक्षित है उनके ऊपर सवाल उठा कर उनको अपमानित करके यह लोग अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने का प्रयास कर रहे है। यही चीजें बैकफायरिंग पर होती है आज अगर नीतीश कुमार और उनकी पार्टी इस परिस्थिति में है तो उसकी कारण है कि यह लोग बांटने की राजनीति को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे है। और चीजें बैक फायर होती है और इन लोगों का यह हश्र होता है यह सारे बयान फालतू के बयान हैं राजनीति चमकाने के लिए ऐसे बयान दिए जाते है। ज्वलंत हालातों पर बिहारियों के हालातों पर इनको फर्क नहीं पड़ता इन चार दिन खबरों में बने रहने राजनीति चमकाने के लिए यह ऐसे बयान देते है। और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो अधिकारियों पर कार्रवाई तो करते नहीं जो बिहारियों को बदनाम करते हैं अब जो नेता आपत्तिजनक बयान दे रहे हैं उन पर कार्रवाई करने की मुख्यमंत्री में हिम्मत नहीं है। आज की तारीख में मुख्यमंत्री महज एक कठपुतली बनकर रह गए हैं उनसे कोई निर्णय नहीं होने वाला है।वहीं केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने बीते दिनों कहा था कि स्वर्गीय रामविलास पासवान की संपत्ति के अधिकारी चिराग हो सकते हैं। लेकिन उनका राजनीतिक उत्तराधिकारी मैं हूं इसको लेकर चिराग पासवान ने एक बड़ा ही बयान दे दिया और कहा कि जमीन जायदाद की अगर जांच हो जाए तो चक्कर में पड़ जाएंगे केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस।