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मोहन भागवत ने अहमदाबाद में 1051 ग्रंथों का लोकार्पण किया

  • नई शिक्षा नीति में बदलाव भारतीय परंपरा से अवगत कराने के लिए उठाया गया कदम

अहमदाबाद। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत शुक्रवार के गुजरात के दो दिन के दौरे पर हैं। शनिवार सुबह उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत पुनरुत्थान विद्यापीठ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में 1051 ग्रंथो का लोकार्पण किया। ये ग्रंथ समाज और राष्ट्रीय चेतना पर लिखे गए हैं। इस मौके पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा- आज एक साथ 1051 ग्रंथों का विमोचन एक शब्द रिकॉर्ड बन सकता है। हम गुलामी से बाहर नहीं आए हैं। इसलिए इसे समझना और समझाना हमारा काम है। नई शिक्षा नीति में नया क्या है, इस पर भी अलग नजरिया होना चाहिए। यह भारतीयों को भारतीय परंपरा से अवगत कराने के लिए उठाया गया कदम है। इस ज्ञान को समझने के विभिन्न तरीके हैं। कोरोना में दुनिया को अहसास हुआ कि दुनिया को भारत की जरूरत है।

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उन्होंने पुनरुत्थान विद्यापीठ के माध्यम से तैयार किए गए ग्रंथों के बारे में यह भी बताया कि जब यह शिक्षा पद्धति से जुड़ जाएंगे तो निश्चित रूप से भारत विश्व गुरु के मार्ग पर प्रशस्त हो जाएगा। कारसेवक पुरम में संघ के पूर्व सरकार्यवाह भैया जी जोशी ने पत्रकार वार्ता में कहा कि नई शिक्षा नीति में बहुत से परिवर्तन और समावेश किए गए हैं, जो प्रशंसा के योग्य हैं। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति तो बन गई है, किंतु पाठ्यक्रम की रचना हो रही है। पाठ्यक्रम में बड़े परिवर्तन की बात की जा सकती है। पुनरुत्थान विद्यापीठ संस्था ने गहन चिंतन और शोध के बाद 1051 ग्रंथों की रचना की है, जिसकी जानकारी पहले देश के आमजन के बीच दी जाएगी। इस अवसर पर संघ के पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र प्रचारक अनिल, ट्रस्ट सदस्य डॉ अनिल मिश्रा, विहिप मीडिया प्रभारी शरद शर्मा उपस्थित रहे।

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