श्रद्धा और भक्ति के साथ महात्मा सुशील का 21वां महानिर्वाण महोत्सव शुरू
- इस्सयोग के उपाध्यक्ष संजय कुमार ने दीप प्रज्जवलित कर किया उद्घाटन
- 21 घंटे की अखण्ड साधना की हुई शुरुआत
- ‘इस्सयोग संदेश’ के महानिर्वाण महोत्सव विशेषांक का हुआ लोकार्पण
अजीत, पटना। सूक्ष्म आध्यात्मिक साधना पद्धति ‘इस्सयोग’ के प्रवर्त्तक एवं अंतर्राष्ट्रीय इस्सयोग समाज के संस्थापक ब्रह्मलीन सदगुरुदेव महात्मा सुशील कुमार का दो दिवसीय 21वां महानिर्वाण महोत्सव रविवार को पूर्वाह्न 11 बजे, कंकड़बाग स्थित गुरुधाम में आरंभ हुआ। संस्था की अध्यक्ष और तत्वज्ञानी सद्गुरुमाता माँ विजया की उपस्थिति में संस्था के उपाध्यक्ष (मुख्यालय) संजय कुमार ने दीप प्रज्वलित कर महोत्सव का उद्घाटन किया। सदगुरु-गुरुमाँ की मूर्तियों पर माल्यार्पण संस्था के सचिव कुमार सहाय वर्मा और अनंत कुमार साहू ने एवं चादर-अर्पण लक्ष्मी प्रसाद साहू ने किया। 40 मिनट की आह्वान साधना और इस अवसर पर प्रकाशित ‘इस्सयोग संदेश’ के महानिर्वाण विशेषांक के लोकार्पण के पश्चात 12 बजे से 21 घंटे की सामूहिक अखण्ड साधना आरंभ हुई, जो सोमवार को 1 बजे संपन्न होगी।
यह जानकारी देते हुए संस्था के संयुक्त सचिव डॉ अनिल सुलभ ने बताया कि पत्रिका का लोकार्पण संदीप गुप्ता द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि रविवार की ही संध्या 6:30 बजे से महोत्सव के दूसरे खण्ड गोला रोड स्थित एमएसएमबी इस्सयोग भवन में आरंभ हुआ। डॉ सुलभ ने बताया कि सोमवार को अखंड-साधना और संकीर्तन के सामापन के पश्चात हवन-यज्ञ होगा। इसके पूर्व प्रातः 5:30 बजे से आधे घंटे के लिए गुरुधाम के चारों ओर प्रभातफेरी निकली जाएगी। महोत्सव का अंतिम खण्ड और मुख्य समारोह गोला रोड के राज लक्ष्मी फार्महाउस परिसर के विराट पांडाल में 1:30 बजे से आरंभ होगा, जहां विभिन्न देशों से आए इस्सयोगियों को सदगुरुमाता मां विजया आशीर्वचन प्राप्त होगा। संध्या में गुरुधाम में जगत-कल्याण हेतु ‘ब्रह्माण्ड-साधना’ और उसके पश्चात माहात्मा जी पर निर्मित वृत-चित्र के प्रसारण और प्रसाद वितरण के साथ महोत्सव संपन्न होगा।
महोत्सव में संस्था के संयुक्त सचिव उमेश कुमार, संगीता झा, शिवम् झा, डा जेठानंद सोलंकी, दिव्या झा, काव्या शिवम्, डा द्राशनिका पटेल,डा रवींद्र कुमार, डा सुंदर राजन, डा मनोज राज, दीनानाथ शास्त्री, सरोज गुटगुटिया, सी एल प्रसाद, वंदना वर्मा, पंकज नाग, डा सूर्य भूषण, अजीत पटनायक, डा दुर्गा दास पण्डा, डा गीता रानी जेना, अवधेश प्रसाद, दुष्यंत यादव, सुशील प्रजापति, हर पण्डा, प्रभात चंद्रा झा, नीतिन साहू, विजयश्री कश्यप, कपिलेश्वर मंडल, विजय मिश्रा, अंजलि मंजिता समेत अमेरिका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, ओमान, नेपाल, आदि देशों के साथ देश के विभिन्न स्थानों से आए पाँच हज़ार से अधिक इस्सयोगी भाग ले रहे हैं।