कई देशों में मची है राम नाम की धूम, 20 से अधिक देशों में हैं भगवान राम के मंदिर
भारत का कण-कण मर्यादा पुरुषोत्तम से ओतप्रोत है, यहां उनके तमाम मंदिर मिल जाएंगे। लेकिन आप में से कम लोग ही जानते होंगे कि विदेशों में भी मर्यादा पुरुषोत्तम की छाप दिखनी आम बात है। रामनवमी के अवसर पर विदेशों में कहां-कहां राम मंदिर या ऐसे दूसरे देश कौन हैं जहां भगवान राम की छाप मुख्य रूप से दिखाई देती है।
भगवान विष्णु के अवतार मर्यादा पुरुषोत्तम का जन्मदिवस 30 मार्च गुरुवार को, चैत्र शुक्ल नवमी यानी रामनवमी को देशभर में मनाया जाएगा। इसके लिए मंदिरों और घरों में तमाम आयोजनों की तैयारी कर ली गई हैं। सबसे खास बात है कि इस साल पांच विशिष्ट योग में भगवान राम का अवतरण दिवस उनकी जन्मभूमि अयोध्या (भारत) समेत पूरे देश में मनाया जाएगा। इधर, भारत के बाहर जिन भी देशों में भारतीय ठीक-ठाक संख्या में बसे हैं, उन देशों में से कई में राम मंदिर बनवाए गए हैं। इनमें से प्रमुख दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ, यूरोपीय देश, अमेरिका, कनाडा आदि शामिल हैं।
बैंकॉकः राममय दूसरे देशों में थाईलैंड सबसे प्रमुख है। यहां कई श्रीराम मंदिर मिलते हैं। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में रामायण के चित्रों की सबसे लंबी श्रृंखला (विश्व की सबसे बड़ी रामायण पेंटिंग) है, यहां के राजमहल के अंदर भगवान बुद्ध की मूर्ति, अंदर और बाहर की दीवारों पर पूरी रामायण अंकित है। दीवारों पर रामायण का ऐसा अंकन कोचि में मट्टनचेरी चर्च और कंबोडिया के राजमहल में मिलते हैं।
थाईलैंड के लबबुरी में हनुमानजी संजीवनी बूटी के लिए गिर पर्वत उठाते हुए दिखते हैं। यहां सड़कों और पुलों के नाम भी मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के नाम पर हैं। यहां भगवान श्रीराम के जीवन पर चित्रकला कार्यशाला भी आयोजित की जाती है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उनके जीवन से सीख लें।इसके अलावा श्रीराम जन्मभूमि निर्माण न्यास थाईलैंड में सोराय (सरयू या बैंकॉक के बीचों बीच से बहने वाली चाओ फ्रया नदी) नदी किनारे अयुथ्थया (अयोध्या) में भगवान राम का मंदिर बनवा रहा है।
लाओसः 14 वीं शताब्दी में थाईलैंड पर बाहरी आक्रमणों के बाद बहुत सारे लोग भागकर दक्षिण पूर्व एशियाई देश लाओस (लाओस जनवादी लोकतांत्रिक गणतंत्र) आ गए, वे यहां अपने साथ बौद्ध और हिंदू सांस्कृतिक विरासत भी साथ लाए। इन्होंने यहां बौद्ध मंदिर के साथ राम मंदिर भी बनवाए। यहां ताड़ पत्र पर लिखी रामायण भी मिलती है, यहां रोजाना रामायण का मंचन भी होता है।
ग्रेटर शिकागो का राम मंदिर (अमेरिका): अमेरिका के इलियोनॉइस राज्य में ग्रेटर शिकागो में भगवान राम का विशाल मंदिर बनवाया गया है। 1977 में बनवाए गए मंदिर में दो कॉम्प्लेक्स हैं, एक को राम मंदिर कहते हैं, जहां भगवान राम, माता सीता, भगवान गणेश, भगवान हनुमान, भगवान वेंकटेश्वर और राधा कृष्ण की मूर्तियां हैं। दूसरा गणेश शिव दुर्गा मंदिर का कॉम्प्लेक्स है, यहां भगवान शिव, भगवान गणेश, माता दुर्गा, भगवान कार्तिकेय, माता पार्वती, नटराज और अयप्पा स्वामी की मूर्तियां हैं।
कंबोडिया और इंडोनेशियाः कंबोडिया में रामकथा के स्थानीय संस्करण रिएमकार का बड़ा महत्व है। बौद्ध और हिंदू धर्म के मिले जुले अंश पाए जाते हैं। मुस्लिम बहुल इंडोनेशिया में भी भगवान राम की छाप दिखाई पड़ती है। यहां कठपुतलियों के जरिये रामायण का मंचन आम है। यहां रामकथा का रूप काकाविन रामायण ग्रंथ के रूप में मिलता है, जो सदियों से इस देश की संस्कृति का हिस्सा है। हालांकि इसमें स्थानीय देवी देवताओं के हिसाब से कुछ बदलाव भी हैं।
कनाडाः कनाडा के मिसिसॉगा में भी राम मंदिर बनवाया गया है। यह कनाडा के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है। इस मंदिर को जुलाई 2001 में बनवाया गया था।
ब्रिटेनः यहां के साउथ हाल में भी श्रीराम मंदिर बनवाया गया है। इसकी देखरेख हिंदू टेंपल ट्रस्ट करता है। इसके अलावा कैंब्रिजशायर, लिसेस्टर आदि जगहों पर भी मंदिर बनवाए गए हैं।