विदेशों में भी हैं शुद्ध देसी FOODS के दीवाने
भारत विविधताओं से भरा देश है। यहां भारतीय संस्कृति, भाषा के साथ-साथ खानपान में भी काफी विविधता पाई जाती है। विदेशियों को भारतीय कल्चर के साथ यहां का खाना भी बेहद पसंद आता है। मसालों से भरपूर रोगन जोश से लेकर बटर चिकन तक कई भारतीय व्यंजन विदेशियों को खूब लुभाते हैं। भारतीय नॉनवेज के साथ विदेशियों को शाकाहारी खाना भी बेहद लुभाता है। विदेशियों का मानना है भारतीय फूड्स प्राचीन ग्रीस, फारस और मध्य पूर्व की संस्कृतियों से धीरे-धीरे विकसित हुआ है। जिसमें काफी विविधता पाई जाती है। भारतीय व्यंजन खुशबूदार मसालों के साथ पोषक तत्वों से भरपूर होता है। तो आइए जानते हैं वे कौन-से व्यंजन है जो विदेशियों को बेहद पसंद है। विदेशियों का मानना हैं कि भारत सांस्कृतिक विरासत काफी समृद्ध है। यहां भाषा, संस्कृति के साथ खानपान में भी काफी विविधता मिलती है। दूसरे दक्षिण एशियाई देशों की तुलना में यहां खानपान में काफी विविधता देखने को मिलती है।
चीला : चीला एक देशी भारतीय व्यंजन है, जो पैनकेक की तरह होता है। यह देशी अचार, सादे दही और खट्टे क्रीम के साथ परोसा जाता है। इसे टमाटर और खीरे के साथ भी खाया जाता है। चीले को बेसन, आटे और अंकुरित मूंग दाल से बनाया जा सकता है।
मूंगफली : वैसे तो मूंगफली दुनिया भर में खाई जाती है लेकिन भारत समेत दूसरे एशियाई देशों में मूंगफली से कई तरह की डिशेज तैयार की जाती है। इसमें प्रोटीन, विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट जैसे तत्व पाए जाते हैं। मूंगफली डायबिटीज मरीजों के बेहद फायदेमंद है। यह कैंसर के खतरे को कम करने में भी मददगार है।
पोहा : उत्तर भारत में पोहा काफी लोकप्रिय है। इसे नाश्ते के रूप में खाया जाता है। पोहे के साथ जलेबी का अलग स्वाद होता है। यह फ्लेक्ड चावल से बनता है। पोहा पानी में भिगोकर प्याज और मसालों का तड़का लगाकर बनाया जाता है।
मटर : मूंगफली की तरह मटर भी बेहद पौष्टिक होता है। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन फाइबर तत्व पाए जाते हैं। इससे तैयार डिश स्वाद से भरपूर और पोषण युक्त होती है।
छोला मसाला : छोला मसाला टमाटर सॉस और विभिन्न मसालों के बनाया जाता है। इसे टमाटर सॉस में उबले हुए छोले से बनाया जाता है। भारतीय फ्लैटब्रेड (रोटी), गहरी तली हुई रोटी (भटूरा) के साथ खाया जाता है। इसमें जीरा, लहसुन पाउडर, चिली फ्लेक्स, हल्दी, धनिया के बीज और काली मिर्च जैसे मसालों का उपयोग किया जाता है। फलियों की तरह छोले में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। इसमें प्रोटीन, फाइबर और खनिज तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसका सेवन मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद है।
दालें : हर भारतीय थाली में दाल सबसे अहम डिश मानी जाती है। यह जीरा, दालचीनी, गरम मसाला आदि से तैयार की जाती है। लोग, मसूर दाल, मुंग दाल और चना दाल खाना पसंद करते हैं। इसका सेवन चावल, रोटी के साथ किया जाता है। दाल का उपयोग सूप के रूप में भी किया जा सकता। लोग दाल तड़का खाना बेहद पसंद करते हैं। दाल उच्च प्रोटीन पाया जाता है। इसके अलावा इसमें अघुलनशील फाइबर, प्रीबायोटिक कार्बोहाइड्रेट भी होते हैं। इस वजह से यह आंत की सेहत के लिए फायदेमंद है। दाल का सेवन मस्तिष्क के रसायनों जैसे डोपामाइन और सेरोटोनिन के उत्पादन को बढ़ाता है।
फिश करी : भारतीय एलेप्पी फिश करी भी विदेशियों को बेहद पसंद है। यह मछली, जायकेदार मसालों और मलाईदार नारियल के दूध से तैयार की जाती है। यह मीठे और खट्टे स्वाद में तैयार की जाती है। केरल के एलेप्पी जिले में यह रेसिपी काफी प्रसिद्ध है। कई अध्ययन मछली से पता चलता है कि हृदय स्वास्थ्य के लिए मछली का सेवन अच्छा माना जाता है। जो लोग प्रति सप्ताह कई बार मछली खाते हैं, उनमें हार्ट डिजीज का जोखिम कम होता है।
जालफ्रेजी : जालफ्रेजी बंगाली भाषा के शब्द झाल फरेजी से बना है। झाल का अर्थ मसालेदार भोजन और फॉरहेजी का अर्थ आहार के लिए उपयुक्त। वेज जालफ्रेजी फ्रेंच बीन्स, गाजर, फूलगोभी, हरी मटर आदि मिक्स वेजिटेबल से तैयार की जाती है। वैसे तो दुनिया भर में जलफ्रेज़ी बनाई जाती है लेकिन भारत के सुगंधित मसालों से जल फ्रेजी का एक अलग स्वाद होता है।
नॉन वेज जालफ्रेजी चिकन या झींगा को मिर्च, प्याज और टमाटर के साथ बनाया जाता है। जो प्रोटीन तत्वों से भरपूर होती है। इसको टेस्टी बनाने के लिए अदरक, लौंग, जीरा और मिर्च का इस्तेमाल भी किया जाता है। इसमें कोलेजन संश्लेषण और आयरन के अवशोषण के लिए आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं रोग प्रतिरोधक का काम करते हैं।
भिंडी मसाला : मसाला भिंडी एक स्वादिष्ट भारतीय व्यंजन है। इसे टमाटर की तीखी चटनी में बनाया जाता है और रोटी के साथ परोसा जाता है। भिंडी में उच्च मात्रा में फाइबर होता है, जो बेहतर ब्लड रक्त शुगर को नियंत्रित करती है। यह डायबिटीज मरीजों के लिए भी बेहद फायदेमंद है। भिंडी में विभिन्न एंटीऑक्सीडेंट जल्दी पचने वाले तत्व पाए जाते हैं।