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मोदी सरकार ने जारी की नई लीव पॉलिसी; केंद्रीय अंग दान के लिए कर्मचारियों को मिलेगी 42 दिन की छुट्टी

  • 30 दिन से बढ़ाकर 42 दिन का अवकाश

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को मिलने वाली लीव को लेकर बड़ा तोहफा दिया है। मोदी सरकार अंगदान के लिए करने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए एक बड़ा फैसला किया है। जो भी कर्मचारी अंगदान करेंगे उन्हें बड़ी सर्जरी को ध्यान में रखते हुए ठीक होने के लिए 42 दिन का विशेष आकस्मिक अवकाश दिया जाएगा। मोदी सरकार के इस फैसले से हजारों कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। केंद्र सरकार इससे पहले कर्मचारियों को इस काम के लिए 30 दिन की छुट्टी देती थी। इसे बढ़ाकर अब 42 दिन कर दिया गया है। मोदी सरकार के इस फैसले के पीछे सबसे बड़ी वजह कर्मचारियों को आराम देने की है। डीओपीटी की तरफ से जारी ऑफिशियल मेमोरेंडम में बताया गया कि किसी कर्मचारी की तरफ से शरीर का कोई अंग डोनेट किया जाता है तो यह बड़ी सर्जरी है। इसके लिए अस्पताल में भर्ती होने के साथ ही रिकवरी में भी समय लगता है।

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यह नियम 25 अप्रैल 2023 से लागू हो चुकी है। हालांकि डीओपीटी की तरफ से जारी मेमोरेंडम में कहा गया है कि यह आदेश सीसीएस (छुट्टी) नियम के तहत सभी कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा। हालांकि इसका लाभ रेलवे कर्मचारियों,ऑल इंडिया सर्विसेज के कर्मचारियों को नहीं मिलेगा। किसी भी डोनर के अंग को हटाने के लिए की जाने वाली सर्जरी और उसके बाद रिकवरी के लिए अवकाश की अधिकतम सीमा 42 दिन होगी। कर्मचारियों को छुट्टी भी केवल तभी दी जाएगी जब सरकार की तरफ से पंजीकृत चिकित्सक की अनुशंसा की गई हो। यह अवकाश सभी जीवित दाताओं को प्रदान किया जाएगा बशर्ते दाता को मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम, 1994 के अनुसार सरकारी पंजीकृत चिकित्सक द्वारा अंगदान के लिए विधिवत रूप से अनुमोदित किया गया हो।

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