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डीआरडीओ ने किया एंटी-सबमरीन एएसडब्ल्यू रॉकेट आरबीयू -6000 का सफल परीक्षण

  • दुश्मन की पनडुब्बियों की अब खैर नहीं

नई दिल्ली। भारतीय नौसेना के युद्धपोतों में लगे एंटी-सबमरीन रॉकेट आरबीयू 6000 के एक्सटेंडेड वर्जन का सफल परीक्षण किया गया है। टेस्टिंग डीआरडीओ ने किया। पहले इस रॉकेट की रेंज पांच किलोमीटर थी, जो अब बढ़कर दोगुनी हो गई है। ये ऐसा रॉकेट है जो दुश्मन की पनडुब्बियों को समंदर में दफना सकता है। परीक्षण भारत के जंगी जहाज आईएनएस चेन्नई पर किया गया।इस रॉकेट सिस्टम को दुनिया की 20 सेनाएं इस्तेमाल कर रही हैं। भारतीय नौसेना के कई जंगी जहाजों पर यह सिस्टम तैनात है।

ये हैं- राजपूत क्लास डिस्ट्रॉयर, दिल्ली क्लास डिस्ट्रॉयर, कोलकाता क्लास डिस्ट्रॉयर, विशाखापट्टनम क्लास डिस्ट्रॉयर, तलवार क्लास फ्रिगेट, शिवालिक क्लास फ्रिगेट और कमोर्ता क्लास कॉर्वेट। यह 213 मिलीमीटर कैलिबर वाला सोवियत जमाने का रॉकेट लॉन्चर है। इस रॉकेट लॉन्चर सिस्टम को सोवियत संघ ने बनाया था। इसका पूरा नाम है आरबीयू -6000 स्मेर्च-2 यह 1960-61 में युद्धपोतों में लगने लगा था। इसमें ऑटोमेटिक रीलोड हो जाता है। रॉकेट लॉन्चर 1, 2, 4, 8 और 12 राउंड के होते हैं। इसके लॉन्चर के मैगजीन की क्षमता 72 से 96 राउंड के होते हैं। यानी अगर चाहें तो दुश्मन की पनडुब्बी पर लगातार इतने रॉकेट दागे जा सकते हैं।

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