अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बोले डीएम; नारी की स्वतंत्रता, समानता एवं न्याय के लिए नारी शिक्षा अत्यावश्यक
- समाहरणालय में मनाया गया पोषण पखवाड़ा और अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस
- दहेज-प्रथा नारी की गरिमा के विरूद्ध; महिलाओं के लिए आर्थिक स्वतंत्रता निर्णायक
- महिला एवं पुरुष दोनों एक-दूसरे के पूरक; किसी एक के बिना दुनिया अधूरी
- महिला पदाधिकारी तथा कर्मी महिला सशक्तिकरण, नारी स्वतंत्रता, समानता एवं न्याय के ब्रैंड-एम्बेसडर
पटना। डीएम डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने कहा है कि नारी स्वतंत्रता, समानता एवं न्याय के लिए नारी शिक्षा अत्यावश्यक है। वे आज समाहरणालय स्थित सभागार में पोषण पखवाड़ा एवं अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महिला एवं पुरुष दोनों एक-दूसरे के प्रतिस्पर्द्धी न होकर पूरक हैं। किसी एक के बिना दुनिया अधूरी है। हमारी महिला पदाधिकारी एवं कर्मी महिला सशक्तिकरण, नारी स्वतंत्रता, समानता एवं न्याय के लिए ब्रैंड-एम्बेसडर हैं।
डीएम ने कहा कि लिंग-भेद को समाप्त करने के लिए नियमित तौर पर जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है। आदर्श समाज की स्थापना के लिए हम सबको प्रयत्नशील रहना होगा। सरकार द्वारा बाल विवाह, दहेज प्रथा तथा अन्य सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए समाज सुधार अभियान चलाया जा रहा है। महिला सशक्तिकरण के लिए अनेक प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि दहेज प्रथा नारी की गरिमा के विरूद्ध है। हम सबका दायित्व है कि इसे दूर करने के लिए लोगों को संवेदनशील करें।
डीएम डॉ. सिंह ने महिलाओं की सामाजिक स्थिति में क्रमिक परिवर्तन एवं व्यावहारिक पहलुओं के बारे में विस्तार से बताया। ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में पितृसत्तात्मक परिवार की स्थापना के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि परम्परागत रूप से यह चल रहा है। सदियों से यह हम सबके संस्कार में बस गया है। इसमें परिवर्तन लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जागरूकता से ही यह समाप्त होगी। अपने व्यक्तिगत अनुभवों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व में जब भी केन्द्रीय विद्यालय में नामांकन हेतु अभिभावकों द्वारा उनसे अनुरोध किया जाता रहा है तो वे उस अभिभावक के पुत्र के नामांकन की जगह पुत्री के नामांकन को ही प्राथमिकता देते थे।
आरंभ में जिला प्रोग्राम पदाधिकारी(आईसीडीएस) आभा प्रसाद ने आगंतुकों का स्वागत किया। उन्होंने पोषण पखवाड़ा में की जा रही गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया। उप विकास आयुक्त तनय सुल्तानिया द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस तथा पोषण पखवाड़ा के महत्व के बारे में बताया गया। कार्यक्रम के पश्चात डीएम ने श्री अन्न पोषण मेला का निरीक्षण किया तथा जागरूकता रथ को रवाना किया। यह रथ सभी बाल विकास परियोजनाओं में घूम-घूम कर लोगों तक पोषण संदेशों को पहुँचाएगा।