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बीटीएससी जेई अभ्यर्थियों पर फिर पुलिस ने बरसाई लाठियां

  • लंबे समय से रिजल्ट का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों का धैर्य आज एक बार फिर से जवाब दे दिया
  • झड़प के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर कई अभ्यर्थियों को हिरासत मे ले लिया

पटना । बिहार तकनीकी सेवा आयोग (बीटीएससी) के कनिया अभियंता पद के लिए आयोजित परीक्षा देने के बावजूद लंबे समय से रिजल्ट का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों का धैर्य आज एक बार फिर से जवाब दे दिया। सैकड़ों की संख्या में पटना की सड़कों पर उतरे अभ्यर्थियों ने जमकर हंगामा मचाया। इस दौरान अभ्यर्थियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। झड़प के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर कई अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया। इस दौरान वीरचंद पटेल पथ पर अफरा-तफरी का माहौल हो गया।

बताया जाता है कि सैकड़ों अभ्यर्थी बहाली की मांग को लेकर जदयू और राजद कार्यालय समेत सभी राजनीतिक दलों के दफ्तरों के सामने प्रदर्शन कर रहे थे। अभ्यर्थियों के आंदोलन को देखते हुए एहतियात के तौर पर सभी राजनीतिक दलों के कार्यालयों के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। इसी बीच पुलिस ने जब अभ्यर्थियों को आगे बढ़ने से रोका तो अभ्यर्थी भड़क गए और दोनों के बीच झड़प हो गई। हालात को काबू में करने के लिए पुलिस ने बीटीएससी जेई अभ्यर्थियों के ऊपर लाठीचार्ज कर उन्हें खदेड़ दिया। अभ्यर्थियों का कहना था कि लंबे समय से वे नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन सरकार उनकी बातों को नहीं सुन रही है और नौकरी देने के बदले लाठी बरसाया जा रहा है। दरअसल, नियुक्ति की मांग को लेकर अभ्यर्थी पिछले कई महीनों से आंदोलन कर रहे हैं। जब सरकार के कानों तक उनकी आवाज नहीं पहुंची तो गुरुवार को अभ्यर्थी जदयू और राजद समेत वीरचंद पटेल पर में मौजूद विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यालयों के सामने प्रदर्शन करने पहुंच गए।

पटना हाईकोर्ट ने बीते साल 22 अप्रैल को विज्ञापन संख्या 01/2019 के अंतर्गत निकाली गई सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया था। वजह कि आयोग ने सरकारी पॉलिटेक्निक संस्थान से सिविल डिप्लोमा धारकों को 40 फीसदी आरक्षण का लाभ देते हुए रिजल्ट निकाला था। तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजय करोल तथा न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने विनीत कुमार व अन्य की ओर से दायर रिट याचिकाओं को मंजूर करते हुए फैसला सुनाया था। माना कि राज्य सरकार द्वारा संचालित पॉलिटेक्निक संस्थान से डिप्लोमा पास किए अभ्यर्थियों को 40 फीसदी आरक्षण का लाभ देना सही नहीं था। कोर्ट ने इससे पहले 3 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद से अभी तक सरकार ने रिजल्ट जारी नहीं किया।

इधर नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने नौकरी की मांग को लेकर पटना की सड़कों पर उतरे बिहार तकनीकी सेवा आयोग (बीटीएससी) के अभ्यर्थियों पर हुई लाठीचार्ज की तीखी निन्दा करते हुए कहा है कि युवाओं को रोजगार देने के सरकार के जुमले की पोल रोज खुल रही है। 20 लाख नौकरियां देने की जगह सरकार युवाओं पर लाठियां बरसा रही है। महाठगबन्धन की सरकार तानाशाह हो गई है जो लाठी के बूते युवकों की आवाज को दबाना चाहती है।

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उन्होंने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लाठीचार्ज के बाद पुलिस ने कई अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया है। पुलिस की इस कार्रवाई से राजधानी के वीरचंद पटेल पथ पर घंटों अफरा-तफरी का माहौल रहा। सैकड़ों अभ्यर्थी बहाली की मांग को लेकर जेडीयू और आरजेडी कार्यालय समेत सभी राजनीतिक दलों के दफ्तरों के सामने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि नियुक्ति की मांग को लेकर BTSC के सैकड़ों अभ्यर्थी पिछले कई महीनों से आंदोलन कर रहे थे। कई महीने बीत जाने के बाद जब सरकार के कानों तक उनकी आवाज नहीं पहुंची तो गुरुवार को अभ्यर्थी पटना के जेडीयू और आरजेडी समेत वीरचंद पटेल पथ में मौजूद विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यालयों के सामने प्रदर्शन करने पहुंच गए थे। सरकार का कोई जिम्मेवार पदाधिकारी या मंत्री इन अभ्यर्थियों से मिलने तक नहीं पहुंचा।

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