सेम सेक्स कपल की समस्याएं सुलझाने के लिए बनेगी कमेटी
- केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- याचिककर्ता भी सुझाव दें, हम सकारात्मक हैं
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में सेम सेक्स मैरिज को कानूनी मान्यता देने की 20 याचिकाओं पर सातवें दिन बुधवार को सुनवाई हुई। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सेम सेक्स कपल की समस्याओं का हल तलाशने के लिए एक कमेटी बनाने को तैयार है। मेहता ने कहा कि यह कमेटी इन कपल की शादी को कानूनी मान्यता देने के मुद्दे में नहीं दाखिल होगी। समस्याओं को लेकर याचिकाकर्ता यानी सेम सेक्स कपल अपने सुझाव दे सकते हैं। वो हमें बताएं कि क्या कदम उठाए जा सकते हैं। सरकार इस पर सकारात्मक है। हां ये बात जरूर है कि इस मामले में एक नहीं, बल्कि ज्यादा मंत्रालयों के बीच तालमेल की जरूरत है।
छठवें दिन की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- समलैंगिकों को समाज से बहिष्कृत नहीं किया जा सकता है। सरकार बताए कि वह इस संबंध में क्या करने का इरादा रखती है और कैसे वह ऐसे लोगों की सुरक्षा और कल्याण के काम कर रही है। इस मामले पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एसके कौल, जस्टिस रवींद्र भट, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस हिमा कोहली की संवैधानिक बेंच सुनवाई कर रही है। पिछे 6 दिन की सुनवाई के दौरान शुरुआत में केंद्र ने अपनी दलीलें दीं। इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने अपनी समस्याएं और मांगें कोर्ट के सामने रखीं।