हमें नागरिकता खास धर्म में पैदा होने से मिली क्या : पिनराई विजयन
- क्यों तीन तलाक का अपराधीकरण किया गया
- मुस्लिमों का 3 तलाक क्यों अपराध की श्रेणी में
- जनाकीय प्रतिरोध जधा’ रैली के उद्घाटन के बोले सीएम
कासरगोड। केरल के सीएम पिनराई विजयन ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने तीन तलाक कानून के मामले में भाजपा को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों में तुरंत तलाक को अपराध का रूप क्यों दिया जा रहा है, जब सभी धर्मों में तलाक होते हैं। ये बातें सीएम ने कासरगोड में सत्तारूढ़ सीपीएम के ‘जनाकीय प्रतिरोध जधा’ रैली के उद्घाटन के दौरान कहीं। सीएम ने कहा कि जब सभी धर्मों में तलाक होते हैं तो क्यों केवल मुस्लिमों के लिए ही तीन तलाक को कानून के दायरे में लाकर उसे अपराध की श्रेणी में लाया गया है। अदालत में अन्य सभी धर्मों में होने वाले तलाक दीवानी मामलों की तरह लिया जाता है। लेकिन अगर इस मामले में मुस्लिमों जोड़े के बीच तलाक की बात की जाए तो इसमें पति को पत्नी को तलाक कहने पर जेल भेजा जा सकता है।
इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का नागरिकता संशोधन अधिनियम पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों हिंदुओं, सिखों, ईसाइयों, जैनियों और पारसियों को नागरिकता देने की सुविधा के लिए लाया गया है। सीएम ने जोर देकर कहा कि इसे केरल में किसी भी कीमत पर लागू नहीं किया जाएगा। विजयन ने कहा कि केंद्र ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के जरिए नागरिकता तय करने के लिए धर्म का इस्तेमाल किया। हमने पहले ही इस पर अपना रुख साफ कर दिया है। हम इसे किसी भी कीमत पर यहां लागू नहीं करेंगे। उन्होंने सवाल किया कि क्या कोई देश वैवाहिक तलाक के मामलों में सजा के अलग पैमाने रख सकता है।
सीएम पिनराई विजयन ने सवाल किया कि कई धार्मिक पृष्ठभूमि के लोग भारत में आए हैं। क्या हम हर शख्स के लिए सजा के एक अलग तरीके का इस्तेमाल कर सकते हैं? एक निश्चित धर्म का पालन करने वाले शख्स के लिए, एक कानून है और दूसरे के लिए अलग कानून है। क्या हम कह सकते हैं कि हमें हमारी नागरिकता इसलिए मिली क्योंकि हम एक विशेष धर्म में पैदा हुए हैं?इसके अलावा उन्होंने जमात-ए-इस्लामी पर आरएसएस की हालिया बैठक में शिरकत करने पर भी तीखा हमला बोला। विजयन ने कहा कि अल्पसंख्यकों से संबंधित मुद्दों पर जमात की स्थिति अन्य मुस्लिम समूहों के रुख को प्रकट नहीं करती है। उन्होंने आगे कहा कि जमात ए इस्लामी ने आरएसएस के साथ किसके लिए बातचीत की? यह अल्पसंख्यक समुदाय के लिए नहीं हो सकता थी क्योंकि हमारे देश में बहुसंख्यक धर्मनिरपेक्ष दिमाग के हैं और आरएसएस के सांप्रदायिक एजेंडे को देख सकते हैं। जमात ए इस्लामी का ये स्टैंड अन्य मुस्लिम समूहों के हालात बयां नहीं करता है। सीएम ने कांग्रेस को भी नहीं छोड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के एक सेक्शन का आरएसएस पर नरम रुख है, जबकि इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के एक सेक्शन ने वेलफेयर पार्टी के साथ गठबंधन करने का नेतृत्व किया।