वापस जवान होने लगा 45 साल का अरबपति ब्रायन जॉनसन
जुकरबर्ग से बेजोस तक ने लगाए अरबों रुपये
नई दिल्ली। मौत एक शाश्वत सत्य है, लेकिन मरना कोई नहीं चाहता। अमेजन के जेफ बेजोस, गूगल के लैरी पेज और फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग भी इससे अछूते नहीं। दुनिया के सबसे अमीरों में शुमार इन जैसे 14 बिलेनियर्स ने हमेशा जीवित रहने के लिए अलग-अलग एक्सपेरिमेंट्स पर अरबों रुपए लगाए हैं। ऐसा ही एक एक्सपेरिमेंट कर रहे अमेरिकी एंटरप्रेन्योर ब्रायन जॉनसन को शुरूआती सक्सेस मिली है। 45 साल के ब्रायन ने दावा किया है कि उन्होंने महज 7 महीने में अपनी बायोलॉजिकल उम्र घटा ली है। इस रिवर्स एजिंग के बाद अब उनका दिल 37 साल, स्किन 28 साल और फेफड़े 18 साल के शख्स जैसे हो गए हैं। मशहूर लेखक युवल नोवा हरारी ने अपनी किताब होमो डेयस में लिखा है कि वैज्ञानिकों के लिए मौत शरीर के सिस्टम में आने वाली एक तकनीकी खामी है। जिसकी वजह से शरीर का पूरा सिस्टम काम करना बंद कर देता है। वैज्ञानिक इस तकनीकी खामी को लैब में सही करने की कोशिश में जुटे हैं, जिससे मृत्यु को टाला जा सके।पीएंड एस इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के मुताबिक इस वक्त रिवर्स एजिंग का मार्केट 191 बिलियन डॉलर यानी करीब 15 लाख करोड़ रुपए का है। ये 2030 तक बढ़कर 421 बिलियन डॉलर यानी करीब 35 लाख करोड़ का हो जाएगा। रिवर्स एजिंग इंडस्ट्री में दांव लगाने वाले जॉनसन अकेले नहीं है।बायोलॉजिकल उम्र रोकने या उसे कंट्रोल करने की कोशिश में कई अरबपति खूब पैसा खर्च कर रहे हैं।
रिसर्च 1
साल 2022 में एपिजेनेटिक्स रिसर्च प्रोग्राम के तहत की गई एक ऐसी ही स्टडी में दावा किया गया था कि वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक ऐसा मेथड खोज निकाला है जिससे ह्यूमन स्किन सेल्स की उम्र को 30 साल तक रिवर्स किया जा सकता है। यानी अगर किसी व्यक्ति की बायोलॉजिकल उम्र 70 है तो उसकी स्किन 40 साल के वयस्क की तरह हो सकती है।रिसर्च टीम में शामिल प्रोफेसर वुल्फ रीक (हाल ही में अल्टोस लैब्स जॉइन किया है) के मुताबिक जिस तरह स्किन सेल्स की फंक्शनिंग को कंट्रोल किया गया, उसी तरह अगर दूसरे आॅर्गन के सेल्स को कंट्रोल किया जाए तो मौत टाली जा सकती है। और इस पर काम जारी है।
रिसर्च 2
साल 2017 में हुए एक रिसर्च के बाद प्रोसिडिंग्स आॅफ द नेशनल एकेडमी आॅफ साइंस जर्नल में पब्लिश हुई एक रिपोर्ट के मुताबिक बहुकोशिकीय यानी मल्टी सेलुलर जीवों में बढ़ती उम्र को रोकना असंभव है। यानी उनकी मौत होना निश्चित है। स्टडी के मुताबिक सेल्स की फंक्शनिंग को जबरन कंट्रोल करने की कोशिश की गई तो उसकी मौत कैंसर जैसी बीमारियों से हो जाएगी।