पटना। बीते दस जनवरी को ट्रांसपोर्ट नगर स्थित घर आ रहे आशुतोष को सरेआम अपराधियों ने गोलीयों से भून डाला था हांलांकि इस गोलीबारी में उन्हें दो गोली लगी जिसके बाद अगमकुआं थाना में पांच नामजद और कुछ अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज हुआ। घटना के दो महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस के द्वारा किसी एक अपराधी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया।
इलाज करवाने के बाद पत्रकारों से बातचीत में आशुतोष सिंह ने बताया कि पवन कुमार उर्फ लाला एवं उसके भाई और पिता ने मिलकर यह षड्यंत्र रचा और मेरी हत्या करने की कोशिश की गई। सबसे बड़ी बात पवन कुमार उर्फ लाला गोली मारने के आरोप में पहले से ही जेल में बंद है और जेल में बैठे-बैठे उसने सारा षड्यंत्र रचा और भाड़े पर अपराधियों को बुलाकर मुझ पर जानलेवा हमला करवाया गया। सभी पेशेवर अपराधी हैं और यह लोग दोबारा कभी भी मेरे ऊपर जानलेवा हमला कर सकते हैं। आज दो माह बीत जाने के बाद भी पुलिस के द्वारा कोई अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं की गई और कोई अभियुक्त ने आज तक न्यायालय में आत्मसमर्पण भी नहीं किया। सोंचने वाली बात यह है कि इस पूरे मामले का मुख्य अभियुक्त पवन कुमार उर्फ लाला जो कि जेल में बंद है उसे पुलिस के द्वारा एक बार भी रिमांड पर लेकर पूछताछ नहीं की गई। उन्होंने साफ कहा कि पुलिसिया कार्रवाई को देखकर साफ लगता है कि अगमकुंआ थाना प्रभारी के साथ इन अभियुक्तों की मिलीभगत है। इधर डर के कारण आशुतोष कुमार सिंह ने अपने सभी बच्चों का स्कूल आना जाना बंद करवा दिया और अपने परिवार के साथ अपने घर में बंद रहने पर मजबूर हैं।
उनका कहना है कि बात बात पर डर सताता है कि कहीं अपराधियों के द्वारा हमारे बीवी बच्चों पर भी जानलेवा हमला ना कर दिया जाए ,, उन्होंने इस मामले को लेकर कई आला अधिकारियों से गुहार लगाई है अपने और अपने परिवार की सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने कहा कि गोली लगने के बाद अभी तक मै इलाजरत हूँ, मैं चलने की स्थिति में नहीं हूं फिर भी केस के सिलसिले में जब हमारी पत्नी अगमकुंआ थाने पर जाती है तो उसे डांट फटकार कर भगा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि मैं तमाम पुलिस अधिकारियों से गुहार लगा रहा हूं कि इन अपराधियों से मेरी और मेरे परिवार की रक्षा की जाए। क्योंकि मुझे मालूम है यह लोग कभी भी दोबारा मेरे ऊपर जानलेवा हमला कर सकते हैं। जानकारी के मुताबिक आशुतोष कुमार सिंह पर यह दूसरा हमला है। इससे पहले भी इन अपराधियों के द्वारा फतुहा थाने में आशुतोष कुमार पर जानलेवा हमला किया गया था। जिसका एफआईआर भी दर्ज है। खैर आगे क्या होता है यह देखने की बात होगी फिलहाल एक पूरा परिवार डर और खौफ के साए में जीवन जीने को मजबूर है।