अस्पतालों में बेड नहीं, मरीज हो रहे दर-दर भटकने को मजबूर
भाकपा माले ने सम्मेलन में सरकार पर जमकर बोला हमला
फुलवारी शरीफ से अजीत यादव कि रिपोर्ट
फुलवारी शरीफ। राज्य के अस्पतालों में गंभीर मरीजों को समय पर इलाज और बेड नहीं मिल पा रहा है, जिससे लोग सड़क पर दम तोड़ रहे हैं। पटना जैसे शहर में एम्स, पीएमसीएच और आईजीआईएमएस जैसे बड़े अस्पतालों की मौजूदगी के बावजूद मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। फुलवारी शरीफ व संपतचक में आयोजित भाकपा माले के दो स्थानीय सम्मेलनों में वक्ताओं ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया और एनडीए सरकार को आड़े हाथो लिया।
सम्मेलन के दौरान भाकपा माले नेताओं ने कहा कि आज एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक भटकते हुए मरीजों की सांसें टूट रही हैं, और परिजन अस्पतालों की चौखट पर रोते-बिलखते रह जाते हैं। सत्यानंद कुमार ने कहा कि जब सरकार आम जनता को इलाज तक नहीं दे सकती, तो फिर उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है। यह सम्मेलन फुलवारी शरीफ प्रखंड अंतर्गत परसा पंचायत और संपतचक प्रखंड अंतर्गत बैरिया पंचायत में आयोजित किया गया। परसा पंचायत में दूसरा और बैरिया पंचायत में छठवां लोकल सम्मेलन हुआ। दोनों जगहों पर संविधान व लोकतंत्र की रक्षा को केंद्र में रखते हुए सम्मेलन की शुरुआत जननेताओं को श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई।

परसा में युद्ध में शहीद भारतीय सैनिकों, पहलगांव में मारे गए नागरिकों और दिवंगत कॉमरेड लखीचंद दास को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। सम्मेलन की अध्यक्षता कामरेड धनराज पासवान ने की, संचालन सुरेश सिंह, रासमणि देवी और सुरेश चंद्र ठाकुर ने किया। सम्मेलन में गुरुदेव दास और सत्यानंद कुमार ने बतौर प्रमुख वक्ता भाग लिया, जबकि पर्यवेक्षक के रूप में देवी लाल पासवान, शरीफा मांझी और साधु शरण प्रसाद मौजूद रहे।

गुरुदेव दास ने कहा कि बिहार में डबल इंजन सरकार के दौर में हत्या, लूट और बलात्कार आम बात हो चुकी है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के नाम पर गरीबों को फंसाया जा रहा है, जबकि सामंती ताकतें खुलकर दलितों, महादलितों और गरीबों पर हमला कर रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार पूरी तरह साम्प्रदायिक ताकतों के सामने झुक चुके हैं। संपतचक सम्मेलन को संबोधित करते हुए सत्यानंद कुमार ने कहा कि आज हर जिले में दलितों पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ रही हैं। सत्ता संरक्षित गुंडे बलात्कार, लूट और हत्या की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने एलान किया कि अब इस सरकार का जाना तय है और भाकपा माले इसे सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए पूरी ताकत से संघर्ष करेगी।

दोनों सम्मेलनों में सर्वसम्मति से पंचायत एवं लोकल कमेटियों का गठन किया गया। परसा पंचायत में भोला चौधरी को सचिव बनाया गया। अन्य सदस्य हैं – निर्मला देवी, सोहराई दास, रंजीत दास, संजु मांझी, शिव मांझी, मो. शाहिद, अजीत राय और राजकुमार दास। वहीं बैरिया पंचायत में रामसिंगर पासवान को सचिव चुना गया। सम्मेलनो मे बड़ी संख्या में ग्रामीणों, कार्यकर्ताओं और जनपक्षधर लोगों ने भाग लिया और संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष का संकल्प लिया।