“शांति के रास्ते पर बढ़ो, युद्ध नहीं चाहिए” – भाकपा माले का पटना मे निकला मार्च
फुलवारी शरीफ से अजीत कि रिपोर्ट
फुलवारी शरीफ, पटना मे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लिबरेशन ने एक और युद्ध नहीं शांति के मार्ग पर आगे बढ़ो के नारे के साथ पटना में मार्च निकाला. फुलवारी शरीफ विधायक गोपाल रविदास ने बताया कि एक और युद्ध हर्गिज नहीं, आतंकवाद को शिकस्त दो, सीमा पर चौकसी मजबूत करो, और शांति के लिए कूटनीतिक वार्ता की ओर बढ़ो” जैसे नारों के साथ आज पटना की सड़कों पर शांति और लोकतंत्र की मजबूत आवाज गूंजी।

भाकपा माले और अखिल भारतीय किसान महासभा के संयुक्त तत्वावधान में एक विशाल मोर्चा एवं मार्च का आयोजन किया गया.उन्होंने कहा कि देश को युद्ध नहीं, शांति चाहिए. आतंकवाद का मुकाबला शांति और न्याय के रास्ते से ही किया जा सकता है. उन्होंने केंद्र सरकार की विदेश नीति और सैन्य रणनीति पर सवाल उठाते हुए कूटनीतिक वार्ता और पड़ोसी देशों के साथ बेहतर संबंधों की आवश्यकता पर बल दिया.यह मार्च जी.पी.ओ. गोलंबर से आरंभ होकर स्टेशन गोलंबर होते हुए बुद्ध स्मृति पार्क तक पहुंचा, जहाँ यह एक जनसभा में तब्दील हो गया. मार्च का उद्देश्य आतंकी हमलों, युद्धोन्माद, सरकारी दमन और लोकतांत्रिक अधिकारों पर हो रहे हमलों के खिलाफ आमजन की एकजुट आवाज को बुलंद करना था.सभा की अध्यक्षता भाकपा माले के पटना महानगर सचिव अभ्युदय ने की।

मार्च का नेतृत्व भाकपा माले की केंद्रीय कमिटी के सदस्य एवं विधायक गोपाल रविदास ने किया.इस अवसर पर एपवा की राष्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी ने कहा कि साझी शहादत और साझी विरासत की परंपरा को बचाए रखना आज की सबसे बड़ी जरूरत है. उन्होंने चेताया कि युद्ध और दमन की राजनीति देश को खतरनाक मोड़ पर ले जा सकती है. जनता को चाहिए कि वह शांति, सौहार्द और संविधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए संगठित होकर खड़ी हो। सभा को जितेंद्र कुमार, पुनीत पाठक, विनय जी, शहजादे आलम, प्रकाश जी, मुर्तुजा अली सहित अनेक वक्ताओं ने भी संबोधित किया. सभी ने एक स्वर में कहा कि देश को विभाजनकारी नारे नहीं, एकजुटता और लोकतंत्र की जरूरत है। सभा में बड़ी संख्या में माले कार्यकर्ता, किसान प्रतिनिधि, महिलाएं और युवा शामिल हुए. पूरे मार्च के दौरान “युद्ध नहीं शांति चाहिए”, “लोकतंत्र बचाओ – दमन हटाओ”, और “आतंकवाद मुर्दाबाद” जैसे नारों से शहर की फिजा गुंजायमान रही.