राम जन्मभूमि पर पहली ईट रखने वाले कामेश्वर चौपाल का निधन।
पटना। कामेश्वर चौपाल ने 9 नवंबर, 1989 को अयोध्या में राम मंदिर की नींव की पहली ईंट रखी थी।यह एक ऐतिहासिक क्षण था, जिसने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। उन्हें ‘पहला कारसेवक’ माना जाता है और उन्होंने ‘रोटी के साथ राम’ का नारा दिया था।

कामेश्वर चौपाल का अयोध्या और राम मंदिर आंदोलन से गहरा नाता था। वे लंबे समय तक राजनीति में भी सक्रिय रहे और 2004 से 2014 तक MLC रहे। 2020 में राम मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट में उन्हें शामिल किया गया था। उन्हें श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी और बिहार विधान परिषद के पूर्व सदस्य के रूप में जाना जाता है।

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पहली ईंट रखने के लिए उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा पहले ‘कारसेवक’ के रूप में सम्मानित किया गया था। राम मंदिर आंदोलन में कामेश्वर चौपाल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और जीवन भर सामाजिक और राजनीतिक पहलों में सक्रिय रूप से शामिल रहे। उनका जन्म सुपौल जिले में 24अप्रैल 1956 मे हुआ था। उनका शुरू से ही अध्यात्म के प्रति झुकाव था।

6 फरवरी 2025 को सर गंगाराम अस्पताल दिल्ली मे इन्होंने अंतिम सांस लिया। वह किडनी के मरीज थे। उनकी मृत्यु से राजनीतिक गलियांरो में शोक की लहर दौड़ उठी। दिल्ली से जब उनके बेऊर स्थित आवास में जब उनका पार्थिक शरीर पहुंची तो उनके परिवार एवं चाहने वाले का रो-रो कर बुरा हाल था ।

इसके बाद उनकी पार्थिक शरीर को बिहार विधान परिषद लाया गया जहां बिहार के उपमुख्यमंत्री सहित दिग्गज नेताओं ने इन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया। इसके बाद उनकी पार्थिक शरीर बीजेपी पार्टी कर्यालय ले जाया गया, जहां उनके पार्थिक शरीर के उपर पार्टी का झडा रखते हुए उन्हें सम्मानित कर उनके अंतिम संस्कार के लिए गृह जिला सुपौल भेजा गया।