समाजसेवी सुखदेव सिंह ने शुरू किया “मिशन नौनिहाल सम्मान”
गरीब विधार्थी के लिए निःशुल्क पाठ्य सामग्री केन्द्र को खोला गया
संपतचक भोगीपुर एकता पुरम में गरीब बच्चों के लिए निःशुल्क पाठ्य पुस्तक पठन-पाठन सामग्री के सुविधा उपलब्ध
सरकार के साथ-साथ समाज के सक्षम लोगों को गरीब परिवार के बच्चों को शिक्षित करने में मदद करना जरूरी
फुलवारी शरीफ से अजीत की रिपोर्ट
फुलवारी शरीफ़। पटना के संपतचक प्रखंड अंतर्गत एकतापुरम (भोगीपुर) मे मिशन नौनिहाल सम्मान” के तहत ईलाके के वयोवृद्ध सक्रिय समाजसेवी, सर्वोच्च मानवाधिकार संरक्षण सम्मान से सम्मानित, संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष (यूनिसेफ) के स्थायी सहयोगी सदस्य सुखदेव सिंह के द्वारा निर्माणाधीन छत्रपति शिवाजी ग्रीन्स परिसर के सावित्रीबाई फुले पुस्तकालय मे मंगलवार से दलित-महादलित, पिछड़े-अतिपिछड़े व गरीब, जरुरतमंद विधार्थी बालक-बालिकाओ के लिए मानवाधिकार दिवस के अवसर पर निःशुल्क पठन-पाठन सामग्री का वितरण व्यवस्था का शुभारंभ किया गया है।
कार्यक्रम के पूर्व सभी सम्मानित लोग व बच्चो ने देश की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले के तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित किया। मौके पर समाजसेवी सुखदेव बाबू ने बताया कि इस केन्द्र पर कॉपी व अन्य पाठ्य सामग्री वितरण का निःशुल्क सुविधा निर्बाध रुप से चलता रहेगा। उन्होनें ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा भी गरीब विधार्थी के लिए अनेको कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिससे बच्चे लाभान्वित भी हो रहे है।
लेकिन अज्ञानता व अशिक्षा के खिलाफ लड़ाई बहुत बड़ी व लंबी है। आगे कहा कि इसे परास्त करने के लिए सरकार के साथ-साथ समाज को भी अपनी सकारात्मक भूमिका का निर्वहन करना होगा। उन्होंने ईलाके के लोगो से भावनात्मक अपील किया कि जरुरतमंद बच्चो के अभिभावक निःसंकोच होकर इस सुविधा का लाभ उठाये।सुखदेव बाबू के इस पहल से इलाके के गरीब व जरुरतमंद विधार्थी बालक-बालिकाओ मे हर्षोल्लास एवं अभिभावको के चेहरे पर सुकून व निशचिंतता का भाव दिखा। इस अवसर पर मुकेश सिंह, मुकुल कुमार, पुजा सिंह, अभिषेक कुमार सिंह, सुजीत कुमार झा, विजय सिंह, हरि जी, मुकेश कुमार, बिनोद कुमार, शिव कुमार, रंजय कुमार, गणेश, श्रवण दास, महेश्वर प्रसाद, समीर कुमार, रीतेश कुमार, अमरजीत कुमार, राहुल कुमार, रजनीश कुमार, जीवन कुमार, लखन कुमार के साथ भारी संख्या मे अभिभावक व विधार्थी भी मौजूद थे।