कृषि तकनीकों की उपयोगिता बढ़ाना होगा डॉ. यू.एस. गौतम
Patna। सोमवार को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अटारी क्षेत्र IV का 9वां स्थापना दिवस समारोह पटना स्थित संस्थान परिसर में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधान चंद्र राय एवं कृषि विश्वविद्यालय प. बंगाल के पूर्व कुलपति डॉ. आरके सामंत ने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों को पूरी लगन से काम करना चाहिए। समाज ने उन्हें जो दिया है, उसे वे अपने नए शोध और नवाचार के जरिए लौटाना चाहिए।
डॉ. आरके सामंत ने कृषि विज्ञान केंद्रों को आगे बढ़ाने की जरूरत बताई।मौके पर बिहार और झारखंड को कवर करने वाले अटारी क्षेत्र IV के स्थापना दिवस समारोह की अध्यक्षता आईसीएआर, नई दिल्ली के कृषि विस्तार के उप महानिदेशक डॉ. उद्यम सिंह गौतम ने कहा कि आईसीएआर, कृषि विज्ञान केंद्र और राज्यों के कृषि विभागों को मिलकर काम करना होगा। किसानों को नए शोध, नई कृषि तकनीक और नवाचारों से अवगत भी कराना होगा।वहीं डॉ गौतम ने कहा कि लोगों की खान-पान की आदतें तेजी से बदल रही हैं। लोग अब शाम में अनाज की जगह फलों का सेवन कर रहे हैं। इसके लिए फलों का उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है। ऐसे में कृषि तकनीकों की उपयोगिता बढ़ रही है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राजेंद्र केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीएस पांडेय ने कहा कि कृषि और किसानों की प्रगति में कृषि विज्ञान केंद्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है। कृषि विज्ञान केंद्रों के योगदान को आगे लाने की जरूरत है। डॉ पीएस पांडेय ने कृषि विज्ञान केंद्रों के कार्यों के डिजिटलाइजेशन पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि समयबद्धता के साथ संरचनात्मक प्रारूप में दस्तावेजीकरण की जरूरत है कृषि से जुड़ी किसी भी योजना के परिणाम कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से बेहतर होते हैं। कृषि विज्ञान केंद्रों की भूमिका में मूल्य संवर्धन की जरूरत है। वही आईसीएआर के सहायक कृषि महानिदेशक डॉ आरके सिंह ने कहा कि आईसीएआर अटारी विज्ञान और किसानों के बीच की कड़ी है। जिस तरह से विज्ञान और तकनीक में बदलाव हो रहे हैं, उसे देखते हुए कृषि विज्ञान केंद्रों की क्षमता बढ़ाने की जरूरत है। मौके पर संस्थान के निदेशक डॉ अंजनी कुमार ने कहा कि आईसीएआर अटारी क्षेत्र चार से बिहार और झारखंड के 68 कृषि विज्ञान केंद्र जुड़े हैं। सभी के बीच बेहतर समन्वय से किसानों तक नई कृषि तकनीक और अनुसंधान पहुंचाने का काम किया जा रहा है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर के निदेशक डॉ विकास दास और महात्मा गांधी समेकित कृषि अनुसंधान संस्थान पूर्वी चंपारण के निदेशक डॉ केजी मंडल ने भी अपने विचार व्यक्त किए । संस्थान के 9वें स्थापना दिवस समारोह में बिहार-झारखंड के 14 कृषि विज्ञान केंद्रों के प्रमुखों और उनसे जुड़े किसान उत्पादन संगठनों ने प्रदर्शनी के माध्यम से अपने उत्पादों को प्रदर्शित किया।कार्यक्रम में 50 किसानो के साथ अटारी की वरीय वैज्ञानिक डॉ. प्रज्ञा भदौरिया समन्वयन प्रधान वैज्ञानिक मो. मोनोबुरूल्लाह, डॉ. धर्मवीर सिंह प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अमरेंद्र कुमार के साथ कई कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति और पूर्व कुलपति, आईसीएआर पूर्वी क्षेत्र और इससे जुड़ी इकाइयों के निदेशक, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक और 14 कृषि विज्ञान केंद्रों के प्रमुख आदि मौजूद थे।