फिल्मों में पेरिस के एफिल टावर और स्विटजरलैंड की बफीर्ली वादियों को देख दर्शक भी रोमांचित हो उठते हैं। ऐसी विदेशी जगहों पर कई युगल जाने का सपना देखते हैं। स्विटजरलैंड एक ऐसी जगह है, जहां पर हर भारतीय घूमना चाहता है। लेकिन स्विटजरलैंड जाने के लिए वीजा, पासपोर्ट और अतिरिक्त पैसों की जरूरत होती है। वहीं सामान्य लोगों के लिए स्विटजरलैंड जाना किसी सपने से कम नहीं होता है। लेकिन अगर आपको भारत में ही स्विटजरलैंड जैसे नजारे मिल जाएं, तो इतनी दूर जाने की क्या जरूरत है। बता दें कि बेहद कम पैसे खर्च कर आप मिनी स्विटजरलैंड में ऐसे नजारे देख सकते हैं। दिल्ली के करीब भारत का स्विटजरलैंड काफी ज्यादा फेमस है। विदेशी पर्यटक भी यहां पर घूमने के लिए आते हैं। ऐसे में अगर आप भी घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि मिनी स्विटजरलैंड कहां है और यहां पर आप कैसे पहुंच सकते हैं।
उत्तराखंड के चमौली में स्थित औली हिल स्टेशन को ‘मिनी स्विटजरलैंड’ कहा जाता है। यह भारत की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। यहां की हसीन वादियां और पहाड़ देखकर आपको लगेगा, जैसे कि आप सच में स्विटजरलैंड में हैं। हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक कुदरत की इन नायाब जगह को निहारने के लिए यहां पहुंचते हैं। यहां बर्फ पर आप स्कीइंग का भी मजा ले सकते हैं।
औली की सैर
बता दें कि औली को उत्तराखंड का स्वर्ग कहा जाता है। यह पूरी दुनिया में एक बेहतरीन स्की रिजॉर्ट के तौर पर फेमस है। औली की सुंदर्रता को निहारने के लिए साल के 12 महीने यहां पर पर्यटक पहुंचते हैं। बर्फ की सफेद चादर ओढ़े पहाड़ों से सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा देखने लायक होता है। यह हिल स्टेशन हर समय एक अलग रंग की खूबसूरती को बिखेरता रहता है।
स्कीइंग रेस
यह एक ऐसी जगह है जिसको एफआइएस द्वारा स्कीइंग रेस के लिए अधिकृत किया गया है। ऋकर के मानकों के मुताबिक बर्फ बनाने की वैकल्पिक व्यवस्था, स्कीइंग रेस के लिए केंद्रों में ढलान और विदेशी खिलाड़ियों के ठहराव की अच्छी व्यवस्था देखी जाती है। वहीं औली ऋकर के इन सभी मानकों पर एकदम खरा उतरता है। औली में स्कीइंग के लिए 1300 मीटर लंबी स्की ट्रैक है। जो फेडरेशन आॅफ इंटरनेशनल स्कीइंग के मानकों को पूरा करता है।
औली में रोपवे
कश्मीर के गुलमर्ग को एशिया का सबसे लंबा रोपवे माना जाता है। इसके बाद दूसरे नंबर पर औली और जोशीमठ रोपवे है। तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने साल 1982 में इस 4.15 किमी लंबे रोपवे की आधारशिला रखी थी। यह रोपवे साल 1994 में बनकर तैयार हो गया था। रोपवे के जरिए आप औली की खूबसूरत दृश्यों का लुत्फ उठा सकते हैं।
ऐसे पहुंचें औली
दिल्ली से औली की दूरी 320 किमी है। इस खूबसूरत हिल स्टेशन तक पहुंचने के लिए आपको ट्रेन या बस के जरिए देहरादून जाना होगा। फिर सड़क मार्ग के आगे का रास्ता तय किया जा सकता है। बता दें कि उत्तराखंड परिवहन की स्थानीय बसों या निजी वाहन आदि से आप औली तक पहुंच सकते हैं।