कृषि मंत्री ने किया प्रति बूंद अधिक फसल विषय पर आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन
पटना। शुक्रवार को बिहार के मंत्री कृषि कुमार सर्वजीत द्वारा पटना के एक निजी होटल में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-प्रति बूंद अधिक फसल विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। इसकी अध्यक्षता प्रधान सचिव, कृषि विभाग, बिहार डाॅ॰ बी॰ राजेन्दर द्वारा की गई। मौके पर मंत्री ने कहा कि बिहार सरकार के सात निश्चय-2 एवं जल-जीवन-हरियाली अभियान अन्तर्गत सूक्ष्म सिंचाई पद्धति एक महत्वपूर्ण अवयव है, जिसे अपनाने से लगभग 60 प्रतिशत जल की बचत, 25-30 प्रतिशत उर्वरक की खपत मे कमी, 30-35 प्रतिशत लागत में कमी तथा 25-35 प्रतिशत अधिक उत्पादन के साथ-साथ बेहतर गुणवत्ता के फसल का उत्पादन होता है।
सूक्ष्म सिंचाई अंतर्गत ड्रिप सिंचाई पद्धति यथा ड्रिप, मिनी एवं माईक्रो स्प्रिंकलर के अतिरिक्त पोर्टेबुल स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति का अधिष्ठापन कराया जा रहा है। सरकार द्वारा ड्रिप सिंचाई पद्धति कृषकों की रूचि बढ़ाने के लिए बिहार सरकार द्वारा सभी श्रेणी के किसानों को अतिरिक्त टाॅप-अप राशि उपलब्ध कराते हुए 90 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही, ड्रिप सिंचाई अधिष्ठापन करने वाले किसानों को टेंªचिंग पर होने वाले व्यय पर भी शत्-प्रतिशत अनुदान की व्यवस्था की गयी है एवं पोर्टेबुल स्प्रिंकलर पर लघु सीमांत किसानों के लिए 55 प्रतिशत एवं अन्य किसान के लिए 45 प्रतिशत अनुदान की व्यवस्था की गयी है।उन्होंने कहा कि सात निश्चय-2 योजना के तहत् ड्रिप सिंचाई पद्धति अपनाने वाले न्यूनत्तम पाँच किसानों के समूह द्वारा कम-से-कम 2.5 हे॰ रकवा में यंत्र अधिष्ठापन करने पर लघु एवं सीमांत किसानों को जल-स्रोत के सृजन हेतु 80 प्रतिशत अनुदान (210 फीट गहराई तक) पर सामूहिक नलकूप की व्यवस्था की गयी है।
विगत दो वर्षाें में कुल 906 समूहों को सामूहिक नलकूप योजना का लाभ दिया जा चुका है। साथ-ही-साथ ड्रिप सिंचाई अपनाने वाले एकल कृषक को भी जल-स्रोत के सृजन हेतु व्यक्तिगत नलकूप के अधिष्ठापन पर अधिकत्तम 40,000 रूपये अनुदान सभी श्रेणी के कृषकों के लिए उपलब्ध है।
श्री कुमार ने कहा कि इस योजना का कार्यान्वयन पूर्ण पारदर्शिता के साथ आनलाइन साॅफ्टवेयर के माध्यम से किया जा रहा है। किसानों द्वारा आॅनलाइन आवेदन किया जाता है एवं प्रखण्ड/जिला के पदाधिकारी निश्चित समय-सीमा में इसका आनलाइन सत्यापन करते हैं। किसानों द्वारा चयनित अधिष्ठापन करने वाली कंपनी आनलाइन आवेदन एवं कार्यादेश प्राप्त करती है। 25 दिनो के अंदर कंपनी द्वारा यंत्र अधिष्ठापन के उपरांत कंपनी विपत्र अपलोड करने पर संबंधित किसान के मोबाईल पर ओ॰टी॰पी॰ जाता है, जिसका किसान, यंत्र अधिष्ठापन की संतुष्टि के उपरांत कंपनी से ओ॰टी॰पी॰ साझा करते हैं एवं उन्हें अनुदान का भुगतान होता है। अगर किसान की इच्छा हो कि अनुदान की राशि स्वयं के बैंक खाता में प्राप्त करें तो इसका भी प्रावधान साॅफ्टवेयर में किया गया है।
उन्होंने बताया कि ड्रिप सिंचाई के अन्तर्गत विगत 4 वर्षों में सूक्ष्म सिंचाई के तहत् आच्छादित भूमि में राज्य में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2022-23 तक लगभग 19,674 एकड़ रकवा में ड्रिप सिंचाई पद्धति से तथा लगभग 2,479 एकड़ रकवा में पोर्टेबल स्प्रिंक्लर पद्धति से भूमि आच्छादित की जा चुकी है। योजना अंतर्गत लगभग 6,139 कृषकों को ड्रिप सिंचाई पद्धति से एवं लगभग 741 कृषकों को पोर्टेबल स्प्रिंक्लर पद्धति से लाभान्वित किया जा चुका है। गत वितीय वर्ष में योजना अन्तर्गत उत्कृष्ट कार्य करने वाले सहायक निदेशक, उद्यान एवं सूक्ष्म सिंचाई कंपनी को प्रशस्ति-पत्र दिया गया।
कृषि मंत्री ने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए 25,000 एकड़ रकवा को सूक्ष्म सिंचाई से अच्छादित किया जाना है, जिसके लिए किसानों को 4,500 व्यतिगत नलकूप भी दिया जाने का लक्ष्य है। इस योजना का प्रचार-प्रसार हेतु दैनिक समाचार पत्रों, स्थानीय दूरदर्शन, होर्डिंग, स्थानीय रेडियो चैनल एवं व्यापक स्तर पर सूक्ष्म सिंचाई रथ तथा नुक्कड़-नाटक के माध्यम से जागरूक किया गया है, ताकि अधिक-से-अधिक किसान इस योजना का लाभ ले सकें।
इस कार्यशाला में निदेशक उद्यान श्री अभिषेक कुमार, संयुक्त निदेशक, उद्यान श्री राधा रमण, कृषि विभाग के मुख्यालय एवं क्षेत्रीय पदाधिकारीगण, सूक्ष्म सिंचाई योजना के अग्रणी कृषक सहित सभी सूक्ष्म सिंचाई आधारित निबंधित कंपनी के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।