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जी. कृष्णैया की पत्नी और बेटी से मिलना चाहते हैं चेतन आनंद

  • मौका मिला तो चेतन आनंद अपनी शादी का न्योता भी देंगे

पटना। गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड मामले में आनंद मोहन की रिहाई पर जारी सियासत के बीच आनंद मोहन के परिजनों ने कहा है कि वे हैदराबाद जाकर जी.कृष्णैया की पत्नी और बेटी से मिलना चाहते हैं। उन्हें सांत्वना देना चाहते हैं। मौका मिला तो चेतन आनंद की शादी का न्योता भी दिया जायेगा। आनंद मोहन के बेटे व राजद विधायक चेतन आनंद ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें जी. कृष्णैया के परिवार से पूरी सहानुभूति है।

इसलिए वे और उनका परिवार हैदराबाद जाकर जी.कृष्णैया की पत्नी और बेटी से मिलना चाहते हैं। इसके लिए हैदराबाद में उन्होंने अपने लोगों से संपर्क साधा है, जो जी. कृष्णैया की पत्नी के पास जायेंगे। अगर कृष्णैया की पत्नी टी. उमा देवी राजी होंगी तो आनंद मोहन का परिवार उनसे मिलने जाएंगे और उन्हें सांत्वना देगा। उन्हें बतायेगे कि भले ही सुप्रीम कोर्ट तक ने आनंद मोहन को इस हत्या का दोषी माना लेकिन आनंद मोहन दोषी नहीं हैं। चेतन आनंद ने कहा कि जी.कृष्णैया की हत्या के लिए दूसरे लोग जिम्मेवार थे। यह बात वे कृष्णैया की पत्नी को बताना चाहते हैं। चेतन आनंद से सवाल पूछा गया कि क्या वे अपनी शादी का न्योता भी कृष्णैया की पत्नी और बेटी को देंगे? चेतन आनंद ने कहा कि वे अगर मिलने को तैयार हो जाती हैं तो शादी का न्योता भी दिया जायेगा। उल्लेखनीय है कि बिहार सरकार ने जब आनंद मोहन की रिहाई का आदेश जारी किया तो सबसे ज्यादा नाराजगी स्व. जी. कृष्णैया की पत्नी और बेटी ने जताई है।

जी. कृष्णैया की पत्नी टी. उमा देवी ने कहा है कि आनंद मोहन को रिहा करने के बजाय फांसी की सजा देना चाहिए था। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल पूछा है कि क्या यही इंसाफ है कि एक दलित और ईमानदार अफसर के हत्यारे को जेल से छोड़ा जा रहा है? क्या जी. कृष्णैया का कसूर यही था कि वे बिहार में काम करने गये थे। दिवंगत डीएम की पत्नी ने कहा है कि वे बिहार सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार कर रही हैं। उधर, आईएएस एसोसिएशन ने भी आनंद मोहन को रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले पर गहरी नाराजगी जताई है। सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन ने कहा है कि आनंद मोहन की रिहाई से अधिकारियों और कर्मचारियों का मनोबल गिरेगा और कानून का मजाक उड़ेगा। आईएएस एसोसिएशन ने बिहार सरकार से अपने फैसले पर फिर से विचार करने को कहा है।

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