- बोले मुख्यमंत्री – मानसून के पूर्व सभी तैयारियां ससमय पूरी कर लें
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुखाड़ और हिट वेव को लेकर आज एक उच्चस्तरीय बैठक कर ताजा हालात की जानकारी अधिकारियों और संबंधित विभाग के मंत्रियों से लिया। मुख्यमंत्री आवास में हुई इस उच्चस्तरीय बैठक में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ विभिन्न विभागों के मंत्री और अधिकारी मौजूद थे। इस बैठक में मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक ने इस वर्ष मानसून सत्र के दौरान वर्षापात के पूर्वानुमान की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अप्रैल-मई महीने में देश के अधिकांश हिस्सों, जिसमें बिहार राज्य भी शामिल है, जहां अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान सामान्य स्तर/औसत से अधिक रहने की संभावना है।

इस अवधि में लू चलने की संभावना बताई गई है। मॉनसून ऋतु में 96 प्रतिशत औसत वर्षा होने तथा बिहार में 952 मिली मीटर वर्षा होने का पूर्वानुमान है। वहीं, बैठक में मौजूद आपदा प्रबंधन सह जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से संभावित बाढ़, सुखाड़ एवं अन्य आपदाओं की पूर्व तैयारियों से संबंधित मुख्य बातों की जानकारी दी।
वहीं, समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसून के आगमन के पूर्व सभी तैयारियां ससमय पूरी कर लें। अभी से इसको लेकर एक-एक चीज पर नजर रखें। आपदा प्रबंधन विभाग सतत इसका अनुश्रवण करते रहे कि और क्या-क्या करने की जरूरत है ताकि लोगों को कोई दिक्कत नहीं हो। जिन जिलों में बाढ़ आश्रय स्थल का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है, वहाँ तेजी से इस पर कार्य करें। पिछले वर्ष सामुदायिक रसोई का संचालन बेहतर ढंग से किया गया था। इस वर्ष भी बाढ़ की स्थिति में सामुदायिक रसोई का संचालन बेहतर ढंग से किया जाय।

उन्होंने कहा कि बाढ़ से सुरक्षा हेतु बचे हुए सभी कटाव निरोधक कार्य एवं बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य को मॉनसून के पहले पूर्ण करें। नदियों के गाद की उड़ाही एवं शिल्ट हटाने को लेकर तेजी से कार्य करें। इससे बाढ़ का खतरा भी कम रहेगा और नदियों की जल संग्रहण क्षमता भी बढ़ेगी, जिससे सिंचाई कार्य में और सुविधा होगी। जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत सात अवयवों में जल संरक्षण को लेकर कार्य किए जा रहे हैं, इसकी भी सतत निगरानी करें। वृक्षारोपण के कार्य को और बढ़ाया जाय। नगर विकास एवं आवास विभाग नगर निकायों के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को जल्द से जल्द प्रशिक्षण करा दें ताकि उन्हें सभी दायित्वों की जानकारी हो और बेहतर समन्वय स्थापित हो सके। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष गर्मी ज्यादा है। इसे ध्यान में रखते हुये सभी प्रकार की तैयारी रखें और लोगों को सचेत करें।