- भाजपा और राजद दोनों मेरी ही पॉलिसी पर चलती आई है
- आप लोगों को बताइये पहले क्या था और आज क्या है
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को पहले वाले राज की याद दिलायी है। पटना में जदयू के आंबेडकर जयंती समारोह में नीतीश ने कहा कि पहले बिहार की क्या हालत थी और मेरे आने के बाद क्या हो गया। पार्टी के कार्यकर्ताओं को लोगों को ये बातें जाकर बतानी चाहिये। नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के नेताओं को कहा-साथ में चाहे भाजपा हो या राजद, कार्यक्रम मैं तय करता हूं। ये लोग उसी कार्यक्रम को मानते हैं। नीतीश कुमार जदयू द्वारा आय़ोजित आंबेडकर जयंती समारोह में बोल रहे थे।जदयू के प्रदेश कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में नीतीश बोले कि पहले का क्या हाल था बिहार का औऱ अब क्या हाल है? यहां महिलायें बैठी हुई हैं, अब महिलाओं को देख रहे हैं सब जगह, कितनी अच्छी लगती हैं। पहले महिलाओं की स्थिति कितनी खराब रहती थी। कैसी स्थिति थी औऱ अब कैसा लगता है। कोई इन बातों को याद करेगा कि कब क्या किया गया औऱ किसने सबके उत्थान के लिए काम किया। गरीब-गुरबा लोगों का हाल देख लीजिये। गांव में जो लोग रहता था, पहले क्या हालत थी, अब सब की स्थिति कैसी हो गयी। नीतीश ने अपनी पार्टी के नेताओं से कहा कि हम लोग कितना काम किये हैं, इसकी चर्चा लोगों के बीच जाकर जरूर करियेगा। पहले कितने लोग पढ़ते थे, अब कितने लोग पढ़ रहे हैं। पहले क्या हालत थी और अब क्या हाल है। राज्य सरकार ने जो कुछ किया है, उसमें कुछ केंद्र से नहीं हुआ है।
कार्यक्रम में जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचे तो लगातार ‘देश का पीएम कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो’ के नारे लगते रहे। कार्यकर्ताओं की नारेबाजी के बाद नीतीश कुमार ने हाथ जोड़कर कहा कि आप लोग मेरा नाम प्रधानमंत्री पद के लिए मत लीजिए।भाई हाथ जोड़कर विनती करते हैं मेरा नाम मत लीजिए। हम घूम रहे हैं तो हम ही बनेंगे, ऐसा नहीं है प्लीज।विपक्ष की एकजुटता के लिए हम काम कर रहे हैं। बैठक हो गई है। आगे सब से बात हो रही है। जल्द ही सबके साथ बैठक होगी। पूरे देश का भ्रमण करेंगे। नीतीश ने कहा कि जो मेरे साथ था। 2005 से भाजपा हमारे साथ में थी तो हमने जो कार्यक्रम घोषित किया उसी पर काम हुआ। 2010 में भी हमने जो कार्यक्रम घोषित किया उसी पर काम हुआ। 2015 में राजद हमारे साथ थी जो आज भी हमारे साथ है तो उस वक्त हमने 7 निश्चय घोषित किया था। उसे राजद ने भी माना और जब 2017 में भाजपा साथ में आयी तो उसने भी माना। फिर हमने 2020 में 7 निश्चय-2 किया। भाजपा अलग हो गयी तो जो साथ में आये वे भी मान गये। नीतीश बोलेकि ये लोग क्या करते हैं। कार्यक्रम तय हम न करते हैं, उसी पर काम होता है। इ लोग क्या करते हैं, लेकिन आजकल कुछ न कुछ बोलना है। जो भी काम होता है, वह हम करते हैं लेकिन लोगों के बीच भ्रम पैदा करने के लिए अफवाह फैलायी जाती है।
पीएम मोदी स्टाइल में हुआ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का स्वागत
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री बनाने का सपना पाले जदयू कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को उनका स्वागत पीएम मोदी स्टाइल में किया। जदयू कार्यालय पहुंचने पर नीतीश कुमार की गाड़ी पर जदयू कार्यकर्ताओं ने ‘गुलाब की पंखुड़ियों’ की बारिश की। अंबेडकर की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने जदयू कार्यालय पहुंचे थे। जैसे ही मुख्यमंत्री नीतीश का काफिला प्रदेश कार्यालय के मुख्य द्वार पर पहुंचा, जदयू के कार्यकर्ता गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश करने लगे।नीतीश की गाड़ी के ऊपर सिर्फ गुलाब की पंखुड़ियां ही नजर आ रही थी। स्वागत से गदगद नीतीश कुमार गाड़ी में मंद-मंद मुस्कुरा रहे थे। वैसे, हाल के महीनों में यह पहला मौका है, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जदयू दफ्तर पहुंचने पर इस तरह से स्वागत किया गया हो। इस दौरान कार्यकर्ता नारा लगा रहे थे” देश का पीएम कैसा हो, नीतीश कुमार के जैसा हो।
सुशासन बाबू से नीतीश बने अब ‘नीतिकार’
विपक्षी एकजुटता का संदेश लेकर दिल्ली गए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को पटना लौट आए। इस दौरान स्वागत में जेडीयू ऑफिस के बाहर नीतीश कुमार के पोस्टर लगाए गए। पोस्टर में नीतीश कुमार को ‘नीतिकार’ बताया गया है। प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता के नीतिकार बनकर उभरे हैं। पटना आने पर जदयू कार्यालय में उनके स्वागत में पोस्टर लगाए गए। इन पोस्टरों में नीतीश कुमार को विपक्ष का मुख्य नेता बताने की कोशिश की गई है। सुशासन बाबू को अब जदयू की ओर से नीतिकार बताया जा रहा है।