- बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री से हिंसा पर जवाब मांग रहे थे, स्पीकर भड़के
- भाजपा की मांग रामनवमी की घटना की हो एनआई जांच
- जिन लोगों ने राष्ट्रगीत का अपमान किया, वो क्या देश के हितैषी होंगे : भाजपा
पटना। बिहार में हिंसा को लेकर विधानसभा में बजट सत्र के आखिरी दिन भाजपा विधायकों ने जमकर हंगामा किया। भाजपा विधायक जीवेश मिश्रा को 5 मार्शलों ने टांगकर सदन से बाहर निकाला। रामनवमी के दौरान हुई हिंसा को लेकर बुधवार को ये विधायक सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जवाब मांग रहे थे। स्पीकर ने उन्हें 2-3 बार बैठने को कहा। जब वे नहीं माने तो स्पीकर ने मार्शल बुलाकर एमएलए जीवेश मिश्रा को बाहर निकालने का आदेश दे दिया। इसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। जब कार्यवाही फिर से शुरू हुई तो स्पीकर ने समापन भाषण देकर उसे अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दिया। भाजपा विधायक मिश्रा ने कहा कि सदन में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों नहीं थे। मैं तो उन्हें बुलाकर जवाब देने की मांग रहा था। सासाराम और बिहारशरीफ में रामनवमी जुलूस के दौरान हुई हिंसा को लेकर विपक्षी दल भाजपा नीतीश सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है।
उधर, सदन से मार्शल आउट हुए विधायक जीवेश मिश्रा ने आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। मैंने तो सिर्फ बिहार में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर सवाल पूछा था। मुख्यमंत्री को बुलाकर जवाब देने की मांग की थी। स्पीकर ने मार्शल बुलाकर मुझे सदन से बाहर निकलवा दिया। सदन में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों नहीं थे। मैं तो उन्हें बुलाकर जवाब देने की मांग रहा था। स्पीकर की इस कार्रवाई के बाद सदन से भाजपा विधायकों ने वॉकआउट कर दिया। सासाराम और बिहारशरीफ में रामनवमी जुलूस के दौरान हुई हिंसा को लेकर विपक्षी दल बीजेपी नीतीश सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है। भाजपा का कहना है कि सरकार की नाकामी के कारण ही हिंसा की घटनाएं हुई हैं, जबकि सत्ताधारी दल के विधायकों का आरोप है कि भाजपा ने सोची-समझी साजिश के तहत रामनवमी के मौके पर हिंसा फैलाने का काम किया है।
बिहार में हिंसा को लेकर भाजपा विधायकों ने एनआईए जांच की मांग करते हुए सदन में जमकर नारेबाजी की। विजय कुमार सिन्हा ने लॉ-एंड-ऑर्डर को लेकर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि शराब से मौतें हो रही हैं। बालू माफिया बेखौफ हैं। हत्याएं हो रही हैं। पुलिस को खदेड़-खदेड़ कर मारा जा रहा है। सरकार चुप बैठी है। नेता विरोधी दल विजय सिन्हा ने कहा कि सदन के अंदर ना तो मुख्यमंत्री हैं, ना उप मुख्यमंत्री। हिंसक वारदात पर सरकार जवाब देने से भाग रही है। हम लोगों ने यही कहा कि पूरे मामले पर मुख्यमंत्री को आकर जवाब देना चाहिए, लेकिन एकतरफा कार्रवाई करते हुए हमारे विधायक को मार्शल से निकलवा दिया गया। इस मामले में सदन से लेकर सड़क तक लड़ाई लड़ेंगे। हंगामे को लेकर विधान परिषद में सदन की नेता पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा है कि नालंदा और सासाराम में हिंसा भाजपा के इशारे पर हुई। सरकार इसकी जांच करवाएगी। जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बिहार में दिए गए बयान पर कहा कि बिहार और देश की जनता अब उन्हें ही उल्टा कर देगी।
नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि आज यह गलत परंपरा कायम की गई है। गैर सरकारी संकल्प जनता के लिए जरूरी है, लेकिन साजिश के तहत इसे कमेटी को भेज दिया गया। ताकि सरकार को जवाब न देना पड़े। यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि मुख्यमंत्री सदन में आए और जवाब देने के डर से गैर सरकारी संकल्प को ही समाप्त करा दिए। इससे भी बुरी बात यह हुई कि सदन में हमने राष्ट्रगीत गाना चाहा तो स्पीकर, सीएम और ट्रेजरी बेंच के लोग उठकर चले गए। हम लोग बिहार के हैं, इस नाते बिहार गीत का सम्मान करते हैं, लेकिन राष्ट्रगीत पर भी हमें गर्व है। जिन लोगों ने राष्ट्रगीत का अपमान किया, वो क्या देश के हितैषी होंगे? राष्ट्रगीत गाने में जिन्हें शर्म आती है, जनता उन्हें जवाब देगी। वहीं, भाजपा विधायक जीवेश मिश्रा ने कहा कि यह नालंदा गीत है, यह बिहार गीत नहीं है। इसमें सिर्फ दक्षिण बिहार के जगहों का ही नाम लिया गया है। उत्तर बिहार को इग्नोर किया गया है।