पूर्व नासा साइंटिस्ट का दावा, ब्रह्मांड में इंसान अकेले जीव नहीं
- अन्य ग्रहों पर भी मिले हैं जीवन के संकेत
नई दिल्ली। पूर्व नासा साइंटिस्ट और एयरोस्पेस इंजीनियर डॉ. अनीता सेनगुप्ता वो महिला हैं, जिन्होंने नासा के क्यूरियोसिटी रोवर की लैंडिंग के लिए पैराशूट मॉड्यूल डेवलप किया था। इसके बारे में बात करते समय उन्होंने कहा कि मंगल ग्रह पर रोवर को लैंड कराना सबसे डरावना और सबसे एक्साइटिंग पल था। सात मिनट तो बेहद डरावने हैं। हम दूसरी इमारत में थे। हम मिशन की टेलीमेट्री देख रहे थे। हम हर पैरामीटर्स पर नजर रख रहे थे। पैराशूट को विकसित करना मेरे करियर का सबसे बड़ा मौका था।
छह साल की उम्र में कैसे ख्याल आया कि आप साइंटिस्ट बनना चाहती है? इसके जवाब में डॉ। सेनगुप्ता ने कहा कि मैंने स्टारट्रेक देखा था। मेरे पिता जी इंजीनियर थे। तब मैंने उनसे कहा था कि मुझे एस्ट्रोफिजिसिस्ट बनना है। डॉ। सेनगुप्ता ऑन मार्स लैंडिंग एंड इन्वेंटिंग इलेक्ट्रिक प्लेन्स ऑन अर्थ, फ्रॉम अ वुमन ऑन द फ्रंटलाइंस ऑफ बोथ में बोल रही थीं। डॉ. अनीता सेनगुप्ता ने कहा कि इंसान की फितरत है कि वो खोज करता है। समुद्र में जाता है। रेगिस्तानों में खोजता है। हम मंगल ग्रह पर इसलिए जाना चाहते हैं क्योंकि हमें वहां बस्ती बसानी है। इंसानों की खोज की फितरत ही उसे आगे बढ़ाती है। हमें अन्य ग्रहों पर जीवन खोजना है।