उपेंद्र कुशवाहा के जेडीयू छोड़ने और नई पार्टी के गठन के ऐलान
- ललन सिंह ने कहा कि उन्होने नई पार्टी बनाई है उन्हे ढेर सारी बधाई।
- नई पार्टी का नाम राष्ट्रीय लोक जनता दल होगा
पटना । उपेंद्र कुशवाहा के जेडीयू छोड़ने और नई पार्टी के गठन के ऐलान के बाद जदयू के प्रदेश अध्यक्ष ललन सिंह ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन पर तंज कसा है। और कहा कि कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना। ललन सिंह ने कहा कि उन्होने नई पार्टी बनाई है। उसके लिए उन्हे ढेर सारी बधाई। लेकिन जहां जाएं वहां कुछ समय के लिए टिके जरूर रहे। लेकिन उनकी अति महत्वाकांक्षा ने राजनीति में उनको इस स्थिति पर लाकर खड़ा कर दिया है। उपेंद्र कुशवाहा की हर मुराद नीतीश कुमार ने पूरी की। तीसरी बार पार्टी में उन्हें शामिल करने के पक्ष में एक भी पार्टी का कार्यकर्ता नहीं था। फिर भी नीतीश कुमार ने उन्हें शामिल कराया। एक बार नहीं कई बार आए गए। उनके आने जाने से जदयू को कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
जदयू के कमजोर होने का खोखला दावा
ललन सिंह ने कहा कि पहली बार उपेंद्र कुशवाहा विधायक बने नीतीश कुमार ने ही उन्हें बनाया, फिर राज्यसभा भी भेजा। उनकी हर इच्छा जदयू में पूरी हुई। लेकिन एक तरफ उनकी निगाहें थी दिल्ली और पटना की यात्रा पर और निशाना था कि जदयू कमजोर हो रही है। उन्हें बताना चाहिए कि इसे मजबूत करने के लिए उन्होंने कितने सदस्य बनाए है।
जदयू किसी के साथ विलय नहीं करेगी…
ललन ने कहा कि विधायक बनने से लेकर अबतक का इतिहास रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा कहीं नहीं टिकते। कुशवाहा के नीतीश कुमार को बरगलाने वाल बयान पर ललन सिंह ने कहा कि पार्टी का एक भी सदस्य उपेंद्र कुशवाहा के साथ नहीं है। नीतीश कुमार किसी के कहने से काम नहीं करते हैं। उन्हें जो सही लगता है वहीं करते हैं।
ललन सिंह ने कहा कि ये वही उपेंद्र कुशवाहा हैं जिन्होने पार्टी ज्वाइन करते हुए कहा था, कि जीना यहीं मरना यहीं। लेकिन उनती बातें खोखली निकली। कर्पूरी ठाकुर के नाम पर वो सिर्फ राजनीति करते हैं। उनके जाने से जदयू को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। और जदयू किसी के साथ विलय नहीं करेगी।
इधर समर्थकों के साथ दो दिनों की बैठक के बाद उपेंद्र कुशवाहा की ओर से नई पार्टी बनाने का विधेयक पास किया गया है। इसके बाद उपेंद्र कुशवाहा ने पटना में प्रेस वार्ता कर इस बात की जानकारी दी। उपेंद्र कुशवाहा ने आरोप लगाया कि जिन उद्देश्यों को लेकर वह जेडीयू में आए थे वह पूरा नहीं हो पाया। उपेंद्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश पर अनदेखी का आरोप लगाया। साथ कुशवाहा ने कहा कि जेडीयू में जो भी लोग घुटन महशूस कर रहे हैं उनका नई पार्टी में स्वागत है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को जनता दल यूनाइटेड से नाता तोड़ कर नई पार्टी बनाने की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि नई पार्टी का नाम राष्ट्रीय लोक जनता दल होगा जो जननायक कपूर्री ठाकुर की विरासत को आगे बढ़ाने का काम करेगा। कुशवाहा इस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने उनकी विरासत को उसी के हाथों में गिरवी रख दिया, जिनसे बचाकर जनता ने उन्हें इसकी जिम्मेदारी दी थी। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि नीतीश कुमार ने उस विरासत को आगे ले चलने का अच्छा काम किया था, लेकिन अंत में वे असफल हो गए। अब जब अंत बुरा तो सब बुरा। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने खुद इस विरासत को संभालने के लिए अब तक उतराधिकारी नहीं बनाया और अब वे पड़ोसी के घर उत्तराधिकारी खोज रहे हैं। कुशवाहा ने कहा कि यही कारण है कि पार्टी के लोगों ने अब निर्णय लिया है कि जननायक के विरासत को संभालने की जिम्मेदारी खुद लेनी होगी। उन्होंने कहा कि अब नीतीश कुमार से हिस्सेदारी की बात नहीं है, क्योंकि उनके पास अब कुछ है ही नहीं। उन्होंने कहा कि जो विरासत नीतीश कुमार ने गिरवी रखी है उसे जनता के बीच जाकर तोड़वाने का काम किया जाएगा। कुशवाहा पिछले कई दिनों से पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे थे और नेतृत्व पर लगातार निशाना साध रहे थे।
कुशवाहा ने प्रेस वार्ता में कहा नीतीश कुमार के ऊपर जिस विरासत को संभालने की जिम्मेवारी बिहार की जनता ने 2005 में मुकम्मल तौर पर दी, उसके पहले कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद जननायक की वह विरासत लालू यादव को दी थी। लालू यादव को समर्थन मिला, जनता ने उन्हें अकूत ताकत भी दी। सत्ता में आने के बाद कुछ दिनों तक लालू यादव ने जनता की भावनाओं का ख्याल रखा, लेकिन कुछ दिनों बाद ही उनमें भटकाव आय गया। उस मिले जनसमर्थन का इस्तेमाल जनता के लिए हो सकता था। दूसरा समाज की अंतिम पंक्ति में खड़ा व्यक्ति को समाज की मुख्य धारा में जोड़कर किया जा सकता था। ताकि कर्पूरी ठाकुर की विरासत को आगे ले जा सकता था। लेकिन भटकाव के बाद लालू जी ने उस जन समर्थन का प्रयोग कर अपने परिवार के लिए करना शुरू कर दिया। जिसका खामियाजा वह आज तक भुगत रहे हैं। इसके बाद बिहार की जनता ने नीतीश कुमार पर भरोसा किया पर वे भी जनता के कसौटी पर खड़े नही उतरे।