फुलवारीशरीफ.अजीत. राजधानी पटना में सोमवार को भाकपा माले के नेतृत्व में लोकतंत्र और मताधिकार की रक्षा के लिए एक विशाल मार्च निकाला गया. मार्च की शुरुआत बुद्धा स्मृति पार्क से हुई, जिसका नेतृत्व पार्टी के महासचिव कॉमरेड दीपंकर भट्टाचार्य ने किया. यह जुलूस स्टेशन गोलंबर से होते हुए ऐतिहासिक सात मूर्ति स्थल पहुंचा, जहां जनसभा आयोजित की गई.
मार्च में भाकपा माले विधायक गोपाल रविदास समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता, सैकड़ों कार्यकर्ता और आमजन शामिल हुए. “आजादी, लोकतंत्र और संविधान की रक्षा का संघर्ष तेज करो”, “SIR की आड़ में वोट के अधिकार से वंचित करने की साजिश नहीं चलेगी”, “चुनाव चोर गद्दी छोड़ो” जैसे नारों से पटना की सड़कों पर जनसैलाब गूंज उठा।

जनसभा का समापन 1942 के सात अमर शहीदों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण और श्रद्धांजलि अर्पित कर किया गया. सभा को संबोधित करते हुए महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि आज हमारी आजादी, संविधान और मतदान का अधिकार खतरे में है. उन्होंने आरोप लगाया कि उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा का नाम दो अलग-अलग मतदाता सूचियों में दर्ज है, लेकिन चुनाव आयोग मौन है.
भट्टाचार्य ने खुलासा किया कि पश्चिम चंपारण के बगहा क्षेत्र में उत्तर प्रदेश से आए करीब पांच हजार लोगों के नाम बिहार की मतदाता सूची में जोड़ दिए गए हैं. यह गंभीर चुनावी साजिश है. SIR प्रणाली के नाम पर फर्जी वोटरों को हटाने की बात कही गई थी, लेकिन असलियत में गरीब, अल्पसंख्यक और कमजोर वर्गों के नाम बड़े पैमाने पर काटे जा रहे हैं, उनसे ऐसे दस्तावेज मांगे जा रहे हैं जो उनके पास नहीं है।

उन्होंने कहा कि 1942 में बिहार के क्रांतिकारियों ने जिस आज़ादी के लिए प्राण न्यौछावर किए, उसी आज़ादी से हमें संविधान और संविधान से हमें मताधिकार मिला. आज इन सभी की रक्षा के लिए संघर्ष जरूरी है. 2025 के चुनाव में इस ‘चुनाव चोर’ सरकार को सत्ता से बाहर करना होगा.मार्च के अंत में मौजूद सभी कार्यकर्ताओं और जनसमूह ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष तेज करने की शपथ ली.