शव जलाने की कोशिश, नगवां गांव में बवाल
फुलवारीशरीफ (अजीत)। राजधानी पटना के जानीपुर थाना अंतर्गत नगवां गांव में गुरुवार को एक दिल दहला देने वाली वारदात ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया. अज्ञात अपराधियों ने दिनदहाड़े घर में घुसकर दो मासूम भाई-बहनों की बेरहमी से हत्या कर दी और शव को जलाने का प्रयास किया. मृतकों की पहचान 15 वर्षीय अंजलि कुमारी एवं 10 वर्षीय अंशु कुमार के रूप में हुई है. जब यह जघन्य घटना घटी उस समय दोनों बच्चे स्कूल से लौटकर घर पर ही थे . घटना के बाद पूरे इलाके में मातम और दहशत का माहौल कायम है।

अंशु कुमार
घर का दरवाजा खुला, अंदर से आई जलने की बदबू
घटना उस वक्त सामने आई जब बच्चों की मां शोभा देवी ड्यूटी से लौटकर दोपहर करीब 12:30 बजे घर पहुंचीं. मुख्य दरवाजा खुला था लेकिन अंदर का कमरा बंद. शक होने पर उन्होंने पास में काम कर रहे मजदूरों की मदद से दरवाजा खुलवाया. अंदर का दृश्य देख सबके होश उड़ गए. बेटी अंजलि का शव बेड पर जला हुआ मिला, शरीर पर किसी केमिकल के निशान थे. बेटा अंशु दूसरे कमरे में मृत मिला, उसका शरीर भी आंशिक रूप से जला हुआ था।

अंजलि कुमारी
हत्या कर जलाने की आशंका, पिता ने बताया सुनियोजित साजिश
पिता ललन गुप्ता ने साफ आरोप लगाया कि बच्चों की गला दबाकर हत्या की गई और फिर शव को जलाने की कोशिश की गई, ताकि मामला दुर्घटना जैसा लगे. उनका कहना है कि कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था, जिससे आत्महत्या या हादसे का भ्रम पैदा किया जाए।

इलाके में फैला आक्रोश, लोगों ने सड़क किया जाम
घटना की खबर फैलते ही गांव में सैकड़ों लोग जुट गए. आक्रोशित ग्रामीणों ने फुलवारी-जानीपुर मुख्य मार्ग को टायर जलाकर जाम कर दिया. करीब छह घंटे तक आवागमन ठप रहा. लोगों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और तत्काल हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की।

एफएसएल टीम को बनाया बंधक, डॉग स्क्वॉड की मांग पर अड़े लोग
जांच के लिए पहुंची एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैब) टीम को भीड़ ने घर में ही बंद कर दिया और खोजी कुत्ते की टीम बुलाने की मांग पर अड़ गए. बाद में डॉग स्क्वॉड के पहुंचने पर खोजी कुत्ता घटनास्थल से गांव के पश्चिम दिशा में भागा, जिससे कुछ सुराग मिलने की उम्मीद बनी है।

प्रशासन अलर्ट, कई थानों की पुलिस तैनात
घटना की सूचना मिलते ही सिटी एसपी (पश्चिमी) भानु प्रताप सिंह, फुलवारीशरीफ के डीएसपी-2, नौबतपुर डीएसपी समेत कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची. उन्होंने स्थिति को नियंत्रित किया और जांच का नेतृत्व किया. एफएसएल टीम ने साक्ष्य एकत्र कर लिए हैं और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.

विधायक ने जताई शंका, दुष्कर्म की भी आशंका
घटनास्थल पर पहुंचे स्थानीय विधायक गोपाल रविदास ने इसे सामान्य हादसा नहीं, बल्कि सुनियोजित नरसंहार करार दिया. उन्होंने आशंका जताई कि बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या की गई होगी और साक्ष्य मिटाने के लिए शव जलाया गया।

समाज और व्यवस्था पर बड़ा सवाल
नगवां गांव में पिछले 15 वर्षों से रह रहे इस परिवार की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी. शांतिप्रिय और सामान्य जीवन जीने वाले परिवार के दो बच्चों की इस तरह बेरहमी से हत्या ने कानून व्यवस्था और मानवता दोनों पर गहरे सवाल खड़े कर दिए है।

परिजन और ग्रामीणों की मांग – हत्यारों को फांसी दो
घटना के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है. हर आंख नम है और हर जुबान पर एक ही मांग – “हत्यारों को फांसी दो”. ग्रामीणों का आरोप है कि यदि विधायक मौके पर नहीं पहुंचते तो पुलिस इस मामले को दुर्घटना बताकर दबा देती.
पुलिस का कहना है कि जांच गंभीरता से चल रही है. जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. लेकिन सवाल यह है कि जब घर के अंदर दो मासूमों की हत्या हो सकती है, तो आम नागरिक कितने सुरक्षित हैं?