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सूत्रधार का नाटक मीनू  ने दर्शकों को गुदगुदाया।

खगौल। गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर लिखित कहानी समाप्ति पर आधारित हिन्दी नाटक मीनू का मंचन सूत्रधार नाट्य संस्था के तत्वावधान खगौल के एन. सी. घोष सामुदायिक भवन वरिष्ठ रंगकर्मी नवाब आलम के निर्देशन मे किया गया। नाट्य मंचन का उद्घाटन पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री राम कृपाल यादव ने द्वीप प्रज्जलित कर किया। 

मीनू नाटक गांव की एक भोली भाली लड़की के इर्द गिर्द घूमती है। उसका बचपना व्यस्क होने के बाद भी बरकरार रहती है और गांव के ही एक युवक अपूर्व से शादी होने पर भी वह बच्चों से घिरी रहती है। ससुराल में आने के बाद भी वह बच्चों सी उदंडता करती रहती है। उसके इस चाल चलन से सास को आंखों नहीं सुहाती है। इसे लेकर मां और पुत्र में अनबन होने लगती है। पुत्र अपूर्व इसी कारण उसे मायके में ही छोड़ कर शहर चला जाता है। दोनों अलग अलग होने के दंश से दो चार होते हैं।मौके पर  रामकृपाल यादव  ने कहा कि सूत्रधार रंगकर्म के क्षेत्र में बहुत सराहनीय कार्य कर रहा है। राज्य और देश के विरासत और संस्कृति को अपनी नाट्य प्रस्तुतियों द्वारा प्रगाढ़ करने का काम कर रहा है। विशिष्ठ अतिथि एवं रंगकर्मी अभय सिंहा  ने कहा कि सूत्रधार सिर्फ शहरी ही नहीं ग्रामीण कलाकारों को कार्यशाला में प्रशिक्षण प्रदान कर उसकी प्रतिभा को तराशने में जुटा है।

संस्था सूत्रधार के महासचिव नवाब आलम ने अतिथियों और दर्शकों का स्वागत करते हुए कहा कि आप सभी के सहयोग से सूत्रधार ने चार दशक से अधिक समय से सामाजिक बदलाव ,सामाजिक एकता और भाईचारा कायम करने एवं समाज में जागरूकता संदेश देने के लिए  अपनी  गौरवशाली प्रस्तुतियों के साथ लंबा सफर तय किया है। मालूम हो कि यह नाटक 30 दिवसीय सघन नाट्य कार्यशाला में तैयार किया गया। कार्यशाला के निर्देशक दीपक कुमार गुप्ता और प्रभारी रत्नेश कुमार थे। कार्यक्रम कॉर्डिनेटर जीशान आलम, मंच प्रभारी निशांत कुमार और साथ में आसिफ हसन, रोशन कुमार आदि सहयोगी रहे। मंच संचालन मंडल सांस्कृतिक संघ के सचिव एवं वरिष्ठ रंगकर्मी अरुण सिंह ने किया।

 नाटक में अनीशा कुमारी, शशि भूषण कुमार , कृति ज्योत्स्ना  रत्नेश कुमार, नेहा, शिवम , अमित कुमार, दीपक कुमार गुप्ता एवं सुधीर कुमार ने शानदार अभिनय किया। प्रस्तुति नियंत्रक ज़ीशान आलम ,प्रकाश संयोजन अरुण सिंह और मंच परिकल्पना संजीत कुमार गुप्ता का नाट्य कथा प्रवाह में मददगार साबित हुआ। नाटक में मुख्य अतिथि  के रूप में दीनानाथ प्रसाद यादव,विशिष्ट अतिथि जगजीवन सिंह, प्रसिद्ध समाजसेवी,  मो सुहैल फारूकी कवि, निर्देशक अभय सिंहा,सनोज यादव, ज्ञानेश्वर, शत्रुध्न कुमार,अस्तानंद सिंह,मो सादिक, प्रो प्रसिद्ध कुमार सहित दर्शक मौजूद थे।

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