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सुधा डेयरी मजदूरों का प्रदर्शन, मजदूरी और अधिकारों को लेकर उठी बुलंद आवाज़


9 जुलाई की देशव्यापी मजदूर हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान


हड़ताल की तैयारी में जुटे आंदोलनकारी संगठन

फुलवारी शरीफ से अजीत यादव कि रिपोर्ट

फुलवारी शरीफ। सैकड़ों की संख्या में सुधा डेयरी के ड्राइवर और खलासी मजदूरों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर शनिवार को फुलवारीशरीफ बाजार में जोरदार प्रदर्शन और जुलूस निकाला. यह जुलूस सुधा डेयरी के मुख्य गेट से प्रारंभ होकर कैंसर अस्पताल, प्रखंड कार्यालय, टमटम पड़ाव और निचली बाजार होते हुए पुनः डेयरी गेट पर पहुंचकर सभा के साथ समाप्त हुआ. प्रदर्शन में करीब 150 से अधिक मजदूर शामिल हुए। प्रदर्शन के दौरान मजदूरों ने “बांटो और राज करो की नीति मुर्दाबाद”, “फिर्कापरस्ती नहीं चलेगी”, “मजदूरों को गुलाम बनाने वाला 4 लेबर कोड रद्द करो”, “44 श्रम कानून बहाल करो” जैसे जोरदार नारे लगाए।

मजदूरों ने अपनी मांगों में चालक को कुशल और खलासी को अर्द्धकुशल मजदूरी श्रेणी में रखने, समय पर वेतन भुगतान, श्रम कानूनों के सख्त पालन, छुट्टी की सुविधा, ओवरटाइम मजदूरी का भुगतान, ईएसआई-ईपीएफ, ग्रेच्युटी, परिचय पत्र, जीवन बीमा और दूध लीकेज का लाभ देने जैसे मुद्दों को प्रमुखता दी।

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इस आंदोलन का नेतृत्व ऐक्टू से जुड़े पटना जिला निजी वाहन चालक एवं कर्मचारी यूनियन ने किया. यूनियन के बैनर तले कार्यरत मजदूरों ने सुधा डेयरी प्रबंधन और सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा. सभा को ऐक्टू नेता व यूनियन अध्यक्ष रणविजय कुमार ने संबोधित किया. उन्होंने सुधा डेयरी प्रबंधन और डबल इंजन सरकार पर श्रम कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि डेयरी मजदूर न्यूनतम मजदूरी, ओवरटाइम, छुट्टी और अन्य अधिकारों के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं।

रणविजय कुमार ने उपस्थित मजदूरों से अपील की कि वे आगामी 9 जुलाई को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त आह्वान पर होने वाली अखिल भारतीय मजदूर हड़ताल को सफल बनाएं. उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ सुधा डेयरी तक सीमित नहीं, बल्कि देशभर के मेहनतकश मजदूरों की एकजुटता का प्रतीक है. प्रदर्शन में महासचिव मनीष उर्फ नीनी, रंजीत कुमार, बबलू कुमार, डब्लू, चंदन, अमर कुमार, विक्की कुमार, रंजीत शर्मा और अविनाश कुमार ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हड़ताल को लेकर आंदोलनकारी संगठनों ने तैयारियाँ तेज कर दी हैं और मजदूरों को संगठित करने की दिशा में लगातार अभियान चलाया जा रहा है.

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