सावन की दूसरी सोमवारी पर उमड़ा शिवभक्तों का जनसैलाब, ‘हर-हर महादेव’ के नारों से गूंजे शिवालय.
फुलवारी शरीफ. सावन मास की दूसरी सोमवारी के अवसर पर राजधानी पटना सहित फुलवारी शरीफ, रामकृष्णा नगर, बेऊर, अनिसाबाद, पुलिस कॉलोनी, संपतचक, परसा बाजार, बेलदारीचक, जानीपुर, पुनपुन, चकमुसा, गौरीचक, भुसौला एवं वाल्मी दानापुर, खगौल समेत शहरी और ग्रामीण इलाकों के शिवालयों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा.महावीर नगर स्थित पंचमुखी महादेव मंदिर, बेऊर में भी दिन भर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा रहा. मंदिर के सचिव बालेंद्र शर्मा ने बताया कि सुबह 4 बजे से शाम 5 बजे तक जलाभिषेक का दौर चलता रहा.शाम 6 बजे पंचमुखी महादेव का विशेष श्रंगार किया गया, जिसे देखने के लिए रात 10 बजे तक श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. मंदिर परिसर को रंगीन लाइटों से सजाया गया था और रात्रि में प्रसाद वितरण भी किया गया.महिलाओं और युवतियों की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय रही. पारंपरिक लाल, पीले और केसरिया वस्त्रों में सजे श्रद्धालु नाचते-गाते बाबा भोलेनाथ के दरबार में जलार्पण करते दिखे. शिवलिंग पर बेलपत्र और भोग अर्पित कर लोगों ने सुख-समृद्धि और निरोगी जीवन की कामना की.अहले सुबह से ही बेलपत्र, भांग, धतूरा, गंगाजल, दूध और पुष्प के साथ श्रद्धालु मंदिरों की ओर बढ़ते नजर आए. मंदिर परिसरों में दिन भर लंबी कतारें लगी रहीं. ‘हर-हर शंभू’ और ‘बोल बम’ के गगनभेदी नारों से वातावरण भक्तिमय हो गया.मंदिर के प्रधान पुजारी सहजानंद शर्मा, सहायक पुजारी चंद्र भूषण मिश्रा और महेंद्र उपाध्याय द्वारा सुबह सबसे पहले सरकारी पूजा की गई. इसके बाद मंदिर को आम श्रद्धालुओं के लिए खोला गया।

शहर से लेकर गांव तक के शिव मंदिरों में श्रद्धा और आस्था का अनुपम संगम देखने को मिला. बड़े हों या छोटे, हर शिवालय में पूजा-अर्चना और शिवभक्ति का दृश्य मनमोहक रहा.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन मास की प्रत्येक सोमवारी का अत्यंत महत्व होता है।

शिवलिंग पर जलाभिषेक और व्रत रखने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है. यही विश्वास श्रद्धालुओं को इस पर्व पर शिवालयों की ओर खींच लाता है.कार्यक्रम के दौरान पुलिस के जवान भी विधि व्यवस्था बनाए रखने में जुटे रहे. श्रद्धालुओं ने बेलपत्र, भांग, धतूरा, दूध और जल के साथ शिवलिंग पर अभिषेक कर विशेष कामना की. बाबा के श्रंगार और आरती के दौरान मंदिर परिसर ‘हर हर महादेव’ के जयघोष से गूंजता रहा.