संपतचक का भोगीपुर अतिक्रमण हटाने की खानापूर्ति की खबर छपने पर जागा प्रशासन,टूटी अधिकारियों की कुंभकर्णी नींद
तीन साल पुराने कब्जे को हटाकर प्रशासन ने दिलाया महादलितों को हक
दबंग अतिक्रमण कारियों ने महा दलितों को प्रशासन के सामने धमकाया, प्रशासन से सुरक्षा की गुहार
खबर छपने के बाद जागा प्रशासन, वर्षों पुराना अतिक्रमण हटा।
महादलितों को धमकी देने वालों पर कार्रवाई की माँग, सुरक्षा की गुहार.
फुलवारी शरीफ से अजीत यादव कि रिपोर्ट
फुलवारी शरीफ। तीन वर्षों से लगातार अतिक्रमण के खिलाफ संघर्ष कर रहे भोगीपुर के महादलित ग्रामीणों को आखिरकार न्याय मिला है. संपतचक प्रखंड के भोगीपुर गाँव के पूरब-दक्षिण दिशा में बसे महादलित टोले की सार्वजनिक भूमि पर वर्षों से अवैध कब्जा कर रखा गया था। इस मुद्दे पर ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन से शिकायत की थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही थी। मिडिया में प्रमुखता से खबर छपने पर की प्रशासन अतिक्रमण की खानापूर्ति कर रहा है तब अतिक्रमण कारिर्यों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए पूरी तरह रास्ते को अतिक्रमण मुक्त किया गया.प्रशासन की इस कार्रवाई से भोगीपुर के ग्रामीणों, खासकर दलित-महादलित समुदाय में विश्वास लौटा है।

उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रशासन का आभार जताया और इसे “सुशासन की जीत” करार दिया.हालांकि इस दौरान दबंग अतिक्रमणकारियों ने महादलित के कई परिवारों को धमकाया.महादलित परिवारों ने प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई है।

शनिवार को संपतचक अंचलाधिकारी, गोपालपुर थाना प्रभारी चंदन कुमार और राजस्व पदाधिकारी स्वाति झा की संयुक्त टीम ने मौके पर पहुँचकर निर्णायक कार्रवाई की. प्रशासन ने हैमर मशीन से बीम व कंक्रीट के ढाँचों को मौके पर ही तोड़ दिया और सार्वजनिक रास्ते को पूरी तरह से अतिक्रमणमुक्त कर दिया.कार्रवाई के दौरान महादलित समुदाय के युवाओं ने आरोप लगाया कि अतिक्रमण हटाते समय दबंग रामनरेश और कान्तेश रंजन ने उन्हें जातिसूचक शब्द कहे और धमकी दी. इस संबंध में प्रशासन से सुरक्षा की माँग की गई है ताकि भविष्य में किसी तरह की हिंसा न हो.
अंचलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि अब यह रास्ता पूरी तरह से आमजनों के लिए खुला है और कोई भी व्यक्ति इस पर स्वतंत्र रूप से आवाजाही कर सकता है.किसी को भी इस स्थल पर विशेषाधिकार नहीं है।