वैज्ञानिकों ने किसानों को दिया उन्नत पशुपालन का प्रशिक्षण
विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत 24 गांवों में किया गया जागरूकता कार्यक्रम
फुलवारी शरीफ से अजीत यादव कि रिपोर्ट
फुलवारी शरीफ। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली की संयुक्त पहल विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना द्वारा किसानों को उन्नत पशुपालन तकनीकों से अवगत कराने हेतु लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इस अभियान की अवधि 29 मई से 12 जून 2025 तक निर्धारित की गई है.पटना जिले में विश्वविद्यालय की 10 सदस्यीय वैज्ञानिकों की टीम कृषि विज्ञान केंद्र, बाढ़ के सहयोग से कार्य कर रही है, जबकि किशनगंज जिले के लिए 15 वैज्ञानिकों की टीम गठित की गई है. यह पहल ग्रामीण स्तर पर वैज्ञानिक तकनीकों के प्रचार-प्रसार में मील का पत्थर साबित हो रही है।

इसी कड़ी में विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने पटना जिले के बाढ़ प्रखंड अंतर्गत कुल 24 गांवों में भ्रमण कर किसानों को उन्नत पशुपालन की जानकारी दी.विशेष रूप से गंजपर, अथमलगोला, देदौर, बख्तियारपुर, चम्पापुर, सरहन, मझल बीघा एवं बिहारी बीघा पंचायतों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान विश्वविद्यालय से आए डॉ. रविकान्त निराला एवं डॉ. बी.के. भारती ने पशुपालकों को पशुपालन के आधुनिक तकनीकों, पोषण, स्वास्थ्य प्रबंधन तथा रोग नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से जानकारी दी.किसानों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का समाधान भी किया गया।

कार्यक्रम में वैज्ञानिकों ने पशुपालन क्षेत्र में हो रहे नवीनतम नवाचारों के बारे में भी जानकारी दी, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो सके.इसके साथ ही बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा संचालित विभिन्न सरकारी योजनाओं और उनके लाभ लेने की आवेदन प्रक्रिया के बारे में भी किसानों को बताया गया। बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. उमेश सिंह ने बताया कि यह अभियान पूरे भारत में चलाया जा रहा है, जिसका लक्ष्य 1.5 करोड़ किसानों तक सीधा संवाद स्थापित करना है. देशभर के 700 जिलों में 2000 से अधिक वैज्ञानिकों की टीमें गांव-गांव जाकर किसानों को प्रशिक्षित कर रही हैं.