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बिहार में शराबबंदी की आड़ में बाल अपराध बढ़ा, बच्चों के हाथों बिक रही शराब

फुलवारी शरीफ. अजीत। भारतीय लोकहित पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरुदेव श्री प्रेम ने प्रधानमंत्री कार्यालय को संबोधित पत्र के माध्यम से बिहार में शराबबंदी से उपजे सामाजिक विघटन और बाल अपराधों पर गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि राज्य में शराबबंदी का उद्देश्य सकारात्मक था, लेकिन ज़मीनी हकीकत इससे उलट और भयावह होती जा रही है.भारतीय लोकहित पार्टी के अध्यक्ष ने यह भी सवाल उठाया कि आखिर शराब बिहार में आती कहां से है? उन्होंने मांग की कि राज्य की सीमाओं, चेक पोस्ट और पुलिस तंत्र में मौजूद भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच हो. अपराधियों और उनके संरक्षकों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाए. श्री प्रेम ने चेतावनी दी कि यदि इस पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया तो बिहार की युवा पीढ़ी पूरी तरह नशे और अपराध की चपेट में आ जाएगी, जिसे फिर संभालना मुश्किल होगा. उन्होंने इसे केवल कानून-व्यवस्था का नहीं, बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय चिंता का विषय बताया.

श्री प्रेम ने आरोप लगाया कि बिहार में अब शराब माफिया बालकों का उपयोग कर रहे हैं. नाबालिग बच्चों के हाथों शराब की अवैध बिक्री कराई जा रही है. पकड़े जाने पर इन मासूमों को बाल सुधार गृह भेज दिया जाता है, जबकि असली अपराधी छूट जाते हैं. उन्होंने सवाल किया कि क्या इस प्रकार से बाल सुधार गृहों को भर देना ही “सुधार” है? उन्होंने कहा कि अपराधी अब बच्चों को ढाल बना रहे हैं, क्योंकि बच्चों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की गुंजाइश कम होती है. यह प्रवृत्ति न केवल न्याय व्यवस्था का दुरुपयोग है, बल्कि अगली पीढ़ी को अपराध की राह पर धकेलने का रास्ता भी.

गुरुदेव श्री प्रेम ने यह भी कहा कि शराबबंदी के बाद बिहार में नशे का और गंभीर रूप सामने आया है. अब छोटे-छोटे बच्चे गांजा, ड्रग्स, कफ सीरप, यहां तक कि पेट्रोल जैसी खतरनाक चीज़ें भी नशे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने इसे राज्य की युवा पीढ़ी के लिए आत्मघाती बताया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बार-बार बिहार आते हैं, लेकिन इस गंभीर सामाजिक संकट पर कोई ठोस पहल नहीं हो रही. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की कि केवल शराब के साथ पकड़े गए लोगों को जेल भेजना समाधान नहीं है. असली जड़ पर चोट करनी होगी.

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