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फुलवारी शरीफ श्री श्री देवी स्थान काली मंदिर में खप्पड़ पूजा 3 अगस्त को निकलेगी माता की डाली

फुलवारी शरीफ, अजित. श्री श्री देवी स्थान काली मंदिर, संगत पर में खप्पड़ पूजा की तैयारी को लेकर मंदिर प्रांगण में एक अहम बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता पुजारी जीत मोहन पंडित ने की. बैठक में पूजा की रूपरेखा तय की गई तथा विभिन्न जिम्मेदारियों का वितरण किया गया। खप्पड़ पूजा 3 अगस्त 2025 को आयोजित की जाएगी, जबकि देवी पूजा की विधिवत शुरुआत 25 जुलाई 2025 से होगी. पूजा स्थल पर परंपरा अनुसार डाली (खप्पड़) निकालने, मटकोड़, जागरण, हवन एवं विसर्जन कार्यक्रम सम्पन्न किए जाएंगे।

देवेंद्र प्रसाद ने बताया कि बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि पूजा विधि का संचालन संतोष बाबा एवं कृष्णा पांडे करेंगे. पूजा व्यवस्था में सहयोग हेतु राकेश साह एवं रॉकी गोस्वामी को सह-सहयोगी नियुक्त किया गया है. पूरे आयोजन की निगरानी और व्यवस्था के लिए गणेश चौधरी एवं हरेंद्र सिंह को सचिव बनाया गया है. जबकि पूजा व्यवस्था समिति में जीत मोहन पंडित, राकेश शाह, मुकुल कुमार, प्रेम चौधरी, रॉबिन एवं विक्की कुमार शामिल हैं. बैठक में स्थानीय श्रद्धालुओं और समिति सदस्यों ने खप्पड़ पूजा को भव्य और श्रद्धा-पूर्ण बनाने का संकल्प लिया. आयोजन की सफलता के लिए सभी से सहयोग की अपील की गई है।

यह खप्पड़ पूजा सैकड़ों वर्षों से यहां निकलती आ रही है. इस परंपरा के तहत सबसे आगे मंदिर के पुजारी माता की डाली (खप्पड़) में हवन की अग्नि लेकर दौड़ते हैं, जबकि उनके पीछे-पीछे हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ माता के जयकारे लगाते हुए दौड़ती है. डाली मंदिर की परिक्रमा करते हुए फुलवारी शरीफ टमटम पड़ाव, मस्जिद चौक, गली, पेठिया बाजार, सदर बाजार, प्रखंड कार्यालय, पुरानी भट्टी मोड़ होते हुए पुनः मंदिर प्रांगण में पहुंचती है, जहां समापन होता है।बताया जाता है कि सैकड़ों वर्ष पहले पटना जिले में महामारी फैल गई थी. तब लोगों की जान बचाने के लिए मंदिर के तत्कालीन पुजारी झमेली बाबा को माता ने स्वप्न में दर्शन देकर यह उपाय बताया था कि हवन पूजन कर अग्नि को खप्पड़ में लेकर पूरे गांव-शहर की परिक्रमा की जाए. तभी महामारी का प्रकोप खत्म होगा. तभी से यह परंपरा लगातार चलती आ रही है और आज भी उतनी ही आस्था और श्रद्धा के साथ निभाई जाती है।

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