पशु चिकित्सा अभ्यास में उन्नत निदान एवं उपचार तकनीकों पर हैंड्स-ऑन प्रशिक्षण
उन्नत निदान एवं उपचार तकनीकों पर पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ.
फुलवारी शरीफ,अजीत यादव । बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना में “पशु चिकित्सा अभ्यास में उन्नत निदान एवं उपचार तकनीकों पर हैंड्स-ऑन प्रशिक्षण” कार्यक्रम की शुरुआत हुई है. यह पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय एवं बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। मौके पर पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के संयुक्त सचिव डॉ. सुनील कुमार ठाकुर ने कहा कि विभाग राज्य के पशु चिकित्सकों की दक्षता बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है, ताकि वे तकनीकी रूप से अद्यतन रहें. इससे पशुधन स्वस्थ रहेगा और पशु पालकों की आमदनी में वृद्धि होगी।

वही आयोजन निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. उमेश सिंह ने कहा कि वेटरनरी डॉक्टर की भूमिका केवल पशु स्वास्थ्य तक सीमित नहीं है, बल्कि वे कृषि आधारित अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. जब पशु स्वस्थ रहेंगे, तो उत्पादकता बढ़ेगी और किसान एवं पशुपालकों की आय में सुधार होगा. उन्होंने नस्ल सुधार पर भी चिकित्सकों का विशेष ध्यान आकर्षित किया।कोर्स डायरेक्टर डॉ. मृत्युंजय कुमार ने बताया कि इसका उद्देश्य पशु चिकित्सकों को व्यावहारिक और उन्नत तकनीकों से प्रशिक्षित करना है, ताकि वे रोगों की पहचान समय पर कर सकें और प्रभावी इलाज सुनिश्चित कर सके।

वही प्रशिक्षण में डायग्नोस्टिक इमेजिंग, सर्जिकल प्रैक्टिस, प्रजनन तकनीक, लैब परीक्षण और फील्ड लेवल चिकित्सा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के पहले दिन डॉ. पल्लव शेखर और डॉ. रमेश तिवारी ने अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे और ईसीजी उपकरणों का हैंड्स-ऑन डेमो प्रस्तुत किया। वही सत्र में डॉ. अनिल कुमार और डॉ. मृत्युंजय कुमार ने फ्लूइड थेरेपी और ब्लड ट्रांसफ्यूजन पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया।

आगामी दिनों में प्रतिभागियों को सर्जरी, लैब तकनीक, प्रजनन प्रबंधन, ओपीयू-आईवीएफ और रोग निदान की उन्नत विधियों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। कार्यक्रम के अंतिम दिन मेडिकल और सर्जिकल केसों का लाइव डेमो किया जाएगा. समापन समारोह में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए जाएंगे। उद्घाटन सत्र में प्रशिक्षण समन्वयक उप-निदेशक प्रसार डॉ. योगेन्द्र सिंह जादौन, प्रसार शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सरोज कुमार रजक, डॉ. अंकेश कुमार, डॉ. रमेश कुमार तिवारी, डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह, जनसंपर्क पदाधिकारी सत्य कुमार सहित अन्य शिक्षाविद और अधिकारी मौजूद थे।