BiharFoodsHEALTHLife StyleNationalPOLITICSरोजगार

पटना मे एग्रो बिहार का किया गया समापन, जमकर कृषि यंत्र खरीदे किसान 

कृषि यंत्रों की बिक्री पर 3.69 करोड़ रूपये का अनुदान

मेला में 75 हजार से अधिक किसानों एवं आमजनों ने किया भ्रमण

पटना। सोमवार को पटना के गाँधी मैदान मे कृषि विभाग बिहार एवं सी॰आई॰आई॰ के सहयोग चल रहे (एग्रो बिहार, 2024) चार दिवसीय राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला का समापन पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार के प्रधान सचिव डॉ॰ एन॰ विजयालक्ष्मी एवं कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस समारोह में सभी कृषि यंत्र निर्माता कम्पनियों एवं विभागीय पदाधिकारियों के बीच प्रमाण-पत्र एवं मोमेन्टो भी दिया गया।

मौके पर डॉ. एन. विजयालक्ष्मी ने कहा कि मुझे कृषि से लगाव हमेशा से रहा है, कृषि हम सभी का प्रिय विषय है। कृषि एवं किसान के बिना हम खाद्यान्न सुरक्षा की बात नहीं कर सकते हैं। कृषि विभाग तथा पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग साथ-साथ चलने वाला एवं एक-दूसरे के पूरक है। इस तरह के मेला में किसानों को नये-नये तकनीक के बारे में पता चलता है। मेला में बी.-टू-बी.13i से यंत्र निर्माता एक-दूसरे से अपनी यंत्रों की जानकारी साझा करते हैं तथा गाँव-देहात से आने वाले छोटे उद्यमियों को भी नई-नई जानकारी मिलती है। कृषि रोड मैप के तहत् राज्य के 13 विभाग मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होने कहा कि कृषि में सिंचाई, खाद, कीटनाशी, प्रसंस्करण आदि एक पूरी श्रृंखला है, जिसमें यांत्रिकीकरण की महत्वपूर्ण भूमिका है।

बिहार मखाना एवं शहद उत्पादन में प्रथम स्थान पर है। वही कृषि विभाग के सचिव ने कहा कि हम सभी का उद्देश्य एक ही है कि फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता कैसे बढ़ायें। किसान कैसे नई तकनीकों को अपनाकर फसलों की उत्पादकता को बढ़ाये। कृषि में कई चुनौतियाँ हैं, उन चुनौतियों को कैसे दूर करते हुए, जो संसाधन उपलब्ध हैं, उसका लाभ हमारे किसान भाई लें। 200 करोड़ रूपये से भी अधिक की अनुदान कृषि यांत्रिकीकरण योजना के माध्यम से किसानों को दी जाती है। कृषि विभाग ने एक समिति का गठन कर नये-नये उपकरणों को कृषि यांत्रिकीकरण योजना में शामिल करने के लिए अपनी अनुशंसा कर रहा है, ताकि किसान नये-नये यंत्रों का उपयोग कर फसल की उत्पादकता बढ़ाए। आगे कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित नये यंत्रों को भी शामिल किया जा रहा है, ताकि फसल अवशेष जलाने की घटना को नगण्य किया जाये।

Advertisement

उन्होंने अधिकारियों को निदेश दिया कि पंचायत एवं प्रखण्ड स्तर पर फसलों की प्रत्यक्षण की तरह कृषि यंत्रों का भी प्रत्यक्षण किया जाये। आत्मा योजना के अंतर्गत ए.टी.एम.एवं बी.टी.एम. को इसके लिए प्रशिक्षित किया जायेगा। वही कृषि निदेशक ने कहा कि यह राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण प्रदर्शनी, कृषि विभाग, बिहार द्वारा वर्ष 2011 से लगातार आयोजित किया जा रहा है। मेला का यह तेरहवां संस्करण है। अब तक इस वित्तीय वर्ष में 1.73 लाख से अधिक ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। उक्त आवेदनों को विभिन्न स्तर पर ऑनलाइन सत्यापन कर, अब तक 74 हजार से अधिक स्वीकृति पत्र निर्गत किये जा चुके हैं तथा 51 हजार से अधिक कृषकों के बीच अनुदानित दर पर यंत्रों एवं 150 से अधिक कृषि यंत्र बैंक का वितरण किया जा चुका है, जिसपर कुल अनुदान राशि 87.60 करोड़ रूपये है। कृषि यंत्रों की बिक्री पर 3़.69 करोड़ रूपये का अनुदान इस वर्ष इस मेला में राज्य के किसानों ने बड़ी संख्या में कृषि यंत्रों की खरीदारी कर सरकार की महत्वकांक्षी योजना का लाभ उठाया। 2024 के इस मेला में 57 कृषि यंत्रों एवं 12 कृषि यंत्र बैंकों के लिए सरकार द्वारा 127.90 लाख रूपये का अनुदान दिया गया। इस प्रकार, 04 दिनों में कुल 495 कृषि यंत्रों का क्रय एवं 21 कृषि यंत्र बैंकों के लिए कुल 3.69 करोड़ रूपये से अधिक का अनुदान दिया गया। इन यंत्रों का बाजार मूल्य लगभग 7 करोड़ रूपये है।  

मेला में 75 हजार से अधिक किसानों एवं आमजनों ने किया भ्रमण इसबार मेला में पटना, दरभंगा, समस्तीपुर, मधुबनी, मधेपुरा, सुपौल तथा सहरसा जिले के 2275 किसानों ने भाग लिया। आज तक इस प्रदर्शनी-सह-मेला में राज्य के 75 हजार से अधिक किसान एवं अन्य लोग पहुंचे थे। मौके पर विशेष सचिव डॉ. वीरेन्द्र प्रसाद यादव, कृषि निदेशक नितिन कुमार सिंह, अपर सचिव द्वय शैलेन्द्र कुमार एवं श्रीमती कल्पना कुमारी, निदेशक, बामेती धनंजय पति त्रिपाठी, संयुक्त निदेशक, कृषि अभियंत्रण-सह-नोडल पदाधिकारी, यांत्रिकीकरण आलोक कुमार सिंह सहित कृषि विभाग एवं सी.आई.आई. के अन्य पदाधिकारी तथा कर्मचारीगण, कृषि यंत्र निर्माता व विक्रेता सहित बड़ी संख्या में किसान भाई-बहन उपस्थित थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button