पटना के जैवर गांव से बाबा साहेब की प्रतिमा चोरी
दलित समुदाय में आक्रोश, माले ने बुलाई विरोध सभा
भाकपा माले का बयान: मोदी-शाह-संघ और नीतीश सरकार जिम्मेदार
विरोध मार्च और सभा का ऐलान,
फुलवारी शरीफ अजीत। पटना जिले के संपतचक प्रखंड अंतर्गत जेवर गांव स्थित रविदास टोली में भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की वर्षों पूर्व स्थापित प्रतिमा को अज्ञात चोरों ने बीती रात (6 जुलाई) चोरी कर लिया. यह मूर्ति वर्ष 2007 में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी द्वारा “दलित अधिकार मंच” के बैनर तले स्थापित की गई थी. प्रतिमा स्थल पर हर वर्ष 14 अप्रैल को भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं श्रद्धांजलि सभा का आयोजन होता रहा है।

घटना की जानकारी मिलते ही गांव में भारी नाराज़गी फैल गई. खासकर दलित समुदाय के लोगों में भारी आक्रोश है. सोमवार को जैसे ही प्रतिमा गायब होने की खबर फैली, ग्रामीणों ने तत्काल स्थानीय पुलिस को सूचना दी. गौरीचक पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है. मौके पर लोगों की भारी भीड़ जुट गई और “डॉ. अंबेडकर का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान” के नारे गूंजने लगे.ग्रामीणों का कहना है कि यदि 48 घंटे के भीतर प्रतिमा नहीं मिलती है, तो वे सड़क जाम और धरना प्रदर्शन जैसे आंदोलनात्मक कदम उठाने को बाध्य होंगे. “यह हमारी पहचान और सम्मान से जुड़ा मामला है।

इस घटना को लेकर भाकपा (माले) प्रखंड सचिव सत्त्या नन्द ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “मोदी-शाह-संघ के सामंती मनबढ़ू तत्व बेखौफ होकर ऐसी राष्ट्रविरोधी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. नीतीश कुमार की सरकार की सामंती-संघी दलाली ने गरीब, दलित और पिछड़े वर्गों की सामूहिक ताकत को तोड़ने की कोशिश की है.”ऊन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक मूर्ति की चोरी नहीं, बल्कि डॉ. अंबेडकर और उनके विचारों का अपमान है, जिसे हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे.माले नेताओं ने धरना प्रदर्शन कर नाराजगी का इजहार किया. घटना के विरोध में 8 जुलाई 2025 को दोपहर 1 बजे गोपालपुर मोड़ से एक विरोध मार्च निकाला जाएगा, जिसके बाद एक जनसभा का आयोजन होगा. इस सभा में सैकड़ों लोगों के शामिल होने की संभावना है. माले नेताओं ने इसे संगठित हमला करार देते हुए प्रशासन से अविलंब मूर्ति की पुनर्स्थापना और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की है।